चांदोली : पहाड़ों और जंगलों के मध्य बसा एक सुन्दर कस्बा (Trip to Chandoli : A Beautiful Place Surrounded by Hills & Forest - Hindi Blog)

पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली(Sangli) जिले के शिराला(Shirala) तालुका में बसा चांदोली(Chandoli) एक बेहद ही सुन्दर और शांत क़स्बा है। पश्चिमी घाट के सुन्दर पहाड़ों और जंगलों के बीच प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर चांदोली यहाँ आने वाले लोगों को सुकून का एहसास दिलाता है। पश्चिमी महाराष्ट्र के इलाके में मानसून के समय मौसम का मिज़ाज़ और प्रकृति के रंग कुछ ज्यादा ही खिल जाते हैं। यह आसपास के पहाड़ों और जंगलों में घूमने का सबसे अच्छा समय होता है।

अपने कार्यस्थल के जिले सांगली में होने के कारण ऐसे ही एक सप्ताहांत (Weekend) में हम लोगों का चांदोली(Chandoli) घूमने का कार्यक्रम बनाया। मानसूनी बरसात की एक खूबसूरत सुबह में 8 बजे हम लोग चांदोली के लिए निकले जो सांगली शहर से करीब 95 किलोमीटर दूर स्थित है। कोरोना महामारी के कारण हम लोगों ने खाने पीने का सामान घर से ही पर्याप्त मात्रा में ले लिया था जिससे हम लोग किसी अन्य लोगों के संपर्क में आने से बच सके। सांगली(Sangli) से चांदोली(Chandoli) का रास्ता बहुत अच्छा और हरियाली से भरा हुआ था। वैसे तो पूरा क्षेत्र ही मनमोहक दृश्यों से भरा हुआ है लेकिन अपने अनुभवों के आधार पर कुछ विशेष देखने योग्य जगहों के बारे में नीचे विस्तार से बता रहा हूँ :

➥ वारणा बांध (Warna Dam)
वारणा नदी(Warna River) कृष्णा नदी(Krishna River) की सहायक नदी (Tributary) है। इस नदी पर सिंचाई के बहुत सारे परियोजनाएं(Projects) बनाये गए हैं। वारणा नदी के उद्गम(Origin) स्थल पर बना वारणा बांध देखने में बहुत ही अच्छा लगा। हम लोग अपने कार से बांध के ऊपर तक गए। मानसून का मौसम होने के कारण बांध पानी से भरा हुआ था। यहाँ फोटो खींचने और वीडियो बनाने पर प्रतिबंध है। बांध के दूसरी ओर जलविद्युत परियोजनाओं (Hydro-Electric Projects) से सम्बंधित निर्माण हैं। यहाँ पर आना एक अच्छा अनुभव था। पानी के तेज़ लहरों का बांध से टकराना ऐसा लग रहा था मानों प्रकृति और मनुष्य ने मानव जीवन के कल्याण के लिए हाथ मिला लिया हो। 

➥ चांदोली नेशनल पार्क और सह्याद्रि टाइगर रिज़र्व (Chandoli National Park & Sahyadri Tiger Reserve)
चांदोली नेशनल पार्क(Chandoli National Park) सह्याद्रि के पहाड़ियों(Sahyadri Hills) के मध्य में स्थित है। यह यूनेस्को द्वारा विश्व के धरोहर स्थलों (UNESCO World Heritage Site) में शामिल है। नेशनल पार्क के अंदर ही सह्याद्रि टाइगर रिज़र्व(Sahyadri Tiger Reserve) भी है। जब हम लोग यहाँ पहुंचे तो पता चला कि बाघों का प्रजनन काल (Mating Period) होने के कारण नेशनल पार्क में प्रवेश बंद है। यह 15 अक्टूबर के बाद पर्यटकों के लिए खुलता है जो मानसून के शुरू होने तक खुला रहता है। पार्क के गेट पर वन के कर्मचारियों ने बताया कि टाइगर रिज़र्व में 4 बाघ हैं। यहाँ पाए जाने वाले अन्य वन्य जीवों में बाइसन, हिरन, गौर, सांभर, इंडियन पाइथन इत्यादि प्रमुख हैं। पार्क का मुख्य द्वार बहुत आकर्षक बनाया गया है।  हम लोगों ने यहाँ फोटो खींचे और कुछ अच्छा वक़्त गुज़ारा। 

चांदोली धरण व्यू पॉइंट (Chandoli Dharan View Point)
नेशनल पार्क जाने के रास्ते में स्थित यह पॉइंट बहुत ही खूबसूरत है। यहाँ से सुदूर स्थित वारणा बांध का दृश्य बहुत ही मनमोहक लगता है। जब हम लोग यहाँ पहुंचे तो तेज़ बारिश हो रहा था।  कार के अंदर ही हम लोगों ने नाश्ता किया। जब बारिश बंद हुआ तो नज़ारा देखने लायक था। एक तरफ पेड़ों से घिरे पहाड़ दिख रहे थे तो दूसरी वो वारणा नदी की मनमोहक घाटी। दूर से एक छोटा सा गांव भी दिख रहा था जहाँ एक मंदिर भी था। यह दृश्य आँखों को बहुत ही सुकून दे रहा था। दूर पहाड़ों के पास वारणा बांध का पानी धूप में चमक रहा था।  हम लोग यहाँ आस पास के जगह को पैदल घूमते हुए देखा और वीडियो तथा फोटो भी खींचे। 

चावल के सुंदर खेत और आंबेवाड़ी गाँव(Beautiful Rice Fields & Ambewadi Village)
चांदोली नेशनल पार्क(Chandoli National Park) के बाद हमारा अगला पड़ाव आंबेवाड़ी गांव था। पहाड़ी रास्तों से गुज़रते हुए हम लोग उखलु(Ukhlu) गांव पहुंचे जहाँ से आंबेवाड़ी गांव का रास्ता जाता है।  जब हम लोग आंबेवाड़ी गांव(Ambewadi Village) पहुंचे तो वहाँ की हरियाली देख कर दिल खुश हो गया। रास्ते के पास ही यह गांव हैं।  गांव को पार करके हम लोग चावल के सुंदर हरे खेतों की ओर बढ़े। इतने सुन्दर और हरे भरे खेत हम लोगों ने कभी नहीं देखा था। पहाड़ के ढलान पर सीढ़ीनुमा खेत वाकई लाजवाब दिख रहा था। हम लोगों को यहाँ पाए जानेवाला एक बेहद ही खूबसूरत साँप ग्रीन वाइन स्नेक(Green Wine Snake) भी दिखा।  इन सुंदर खेतों के बीच पतले उबड़ खाबड़ पगडंडियों पर चलना बहुत भी रोमांचकारी था। चावल के इन खूबसूरत खेतों में फसल को बंदरों और चिड़ियों से बचाने के लिए बिजूका(Scarecrow) भी गांव वालों ने बना रखा था। यहाँ आकर मन बहुत प्रसन्न था। 

खूबसूरत झरना (Beautiful Waterfall)
आंबेवाड़ी गांव के पास खेतों के आगे सामने दूसरी पहाड़ पर दो बहुत ही सुंदर झरने दिखे।  हरे जंगलों के झुरमुट से गिरता दूधिया पानी देख के मन मंत्रमुग्ध हो गया।  ऐसा नज़ारा मैंने फिल्मों और किताबों में ही देखा था। इन झरनों को हम लोग देख ही रहे थे कि गांव के ही एक किसान जो अपने खेतों की बन्दरों से रखवाली कर रहे थे हमारे पास आये। उन्होंने हम लोगों को यहाँ के बारे में बताया कि यहाँ मच्छर नहीं लगते और पूरे साल मौसम खुशनुमा रहता है तथा लोग भी हमेशा स्वस्थ रहते हैं। उन्होंने ही हमें बताया की सामने दिख रहे दो झरनों के अलावा एक बड़ा और सबसे ज्यादा खूबसूरत झरना पहाड़ के थोड़ा नीचे है। हम लोगों को रास्ते की जानकारी नहीं थी। ऐसे किसी ट्रैकिंग वाले रास्ते पर बिना जानकारी के नहीं जाना चाहिए।  हम लोगों ने उन्ही काका से उस झरने के पास ले जाने के लिए कहा जिसपर वो तैयार हो गए। रास्ता थोड़ा कठिन और फिसलन से भरा हुआ था। कुछ जगह पर तो हमें फिसलन से बचने के लिए बैठ कर भी जाना पड़ा। हमें पहाड़ की तलहटी में जाने में करीब 45 मिनट लगे। वहाँ जाने पर हमारा आना जैसे सफल हो गया। ऊपर पहाड़ से गिरता झरना अद्भुत लग रहा था। हम सभी बहुत खुश हो गए थे यह नज़ारा देख कर।  झरने की आवाज़ कानों में संगीत की तरह  लग रहा था। 

लगभग 15-20 मिनट झरने के पास गुज़ारने के बाद हम लोग वापस ट्रैकिंग करते हुए आंबेवाड़ी गांव आ गए और काका को झरने दिखाने के लिए धन्यवाद भी बोला। हमारा पूरा दिन बहुत अच्छा गुज़रा।  एक ही दिन में डैम, नदी, पहाड़, जंगल, झरना और सुंदर चावल के खेत देखना बहुत अच्छा अनुभव था।  मानसून के समय महाराष्ट्र के इस इलाके में आना एक बहुत ही सुन्दर अनुभव हो सकता है। कभी वक़्त निकाल कर यहाँ ज़रूर आइये। 

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चांदोली में ये करना ना भूलें  : ट्रैकिंग, टाइगर रिज़र्व में जाना, झरना देखना, फोटोग्राफी।  
चांदोली कैसे पहुँचे  : निकटतम हवाई अड्डा 75 किलोमीटर दूर कोल्हापुर में  है। रेलमार्ग से सांगली देश के बड़े शहरों पुणे, मुंबई, दिल्ली, बंगलुरु से जुड़ा हुआ है।  इसके अलावा देश के सभी बड़े शहरों से सड़कमार्ग से चांदोली आसानी से जा सकते है।  
चांदोली जाने सबसे अच्छा समय : जुलाई से अक्टूबर ( मानसून के बारिश के वक़्त )
चांदोली जाने में लगने वाला समय  :  2 दिन / 1 रात












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