मालवण : सिंधुदुर्ग की शान ( Trip to Malvan - Hindi Blog )

महाराष्ट्र के कोंकण(Konkan) क्षेत्र में तटवर्ती जिला है सिंधुदुर्ग (Sindhudurg) । सिंधुदुर्ग दो शब्दों से मिलकर बना है।  'सिंधु' यानी समुद्र और 'दुर्ग' मतलब किला होता है।  सिंधुदुर्ग में अरब सागर(Arabian Sea) के तट पर स्थित तहसील / तालुका है मालवण(Malvan)। यह अपने खूबसूरत और शांत समुद्र तट ( Beach ) तथा छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा बनाये गए अभेद्य किले के लिए प्रसिद्ध है। मालवण(Malvan) में एक ओर प्राकृतिक सुंदरता है तो दूसरी ओर साहसिक खेलों(Adventurous Water Sports Activities) की व्यवस्था।

यहाँ आप डॉलफिन को देख सकते हैं तो मालवणी व्यंजन भी खूब लुभाते हैं। करली नदी और अरब सागर का अद्भुत मिलन दिखता है वही बैकवाटर का मनमोहक दृश्य अपनी ओर खींचने लगता है।  शहरों की भागती दौड़ती जिंदगी से दूर मालवण की सैर आपको मानसिक और शारीरिक सुकून का एहसास दिलाता है।  यहाँ गुज़ारे गए मेरे दिन काफी यादगार थे जो विस्तार से बता रहा हूँ।

 दांडी बीच ( Dandi Beach )
यह मालवण(Malvan)  का सबसे अच्छा बीच है जहाँ से नीले समुद्र का नज़ारा बहुत सुन्दर सा दिखता है।  समुद्र में तथा समुद्र के किनारे खड़े रंग बिरंगे मछुवारों की नावों के कारण दृश्य विहंगम हो जाता है।  सुबह के समय सूर्योदय का दृश्य दांडी बीच(Dandi Beach) से बहुत ही अच्छा नज़र आता है। सुबह सुदूर समुद्री इलाकों से मछुवारों की नाव रात भर मछ्ली पकड़कर वापस आती है।  हम लोगों ने भी छोटी बड़ी हर प्रकार की मछलियों को देखा जिसमे 'किंग फिश'(King Fish) जिसे सामान्य भाषा में यहाँ सुरमई फिश(Surmai Fish) बोला जाता है तथा पमफ्रेट(Pomfret), बांगड़(Mackerel Fish) इत्यादि मुख्य थी।  इस बीच पर ही हम लोग एक रेसॉर्ट पर ठहरे थे जिसका नाम "निर्मला बीच रेसॉर्ट"(Nirmala Beach Resort) था।  रेसॉर्ट के मालिक नारायण धुरी जी की मेजबानी बहुत ही अच्छी थी।  रेसॉर्ट के परिसर में नारियल के पेड़ों के नीचे बैठकर खूबसूरती को निहारना एक यादगार पल था।  सुबह नाश्ता करने के उपरांत हम लोग समुद्र के लहरों में जी भरकर मस्ती किये।  शाम के वक़्त भी बीच के किनारे फुटबॉल खेलने में बहुत मज़ा आया।

दांडी बीच(Dandi Beach) पर बहुत सारे वॉटर स्पोर्ट्स जैसे जेट स्की(Jet Ski), स्कूबा डाइव(Scuba Dive), बनाना राइड(Banana Ride), पैरासेलिंग(Parasailing) होते है।  हम लोगों ने स्कूबा डाइव, पैरासेलिंग तथा बनाना राइड का लुफ्त उठाया। दांडी बीच से ही सिंधुदुर्ग फोर्ट(Sindhudurg Fort) जाने के लिए स्टीमर मिलता है।

 सिंधुदुर्ग किला ( Sindhudurg Fort )
जैसा सर्वविदित है कि मराठा साम्राज्य(Maratha Empire) में छत्रपति शिवाजी महाराज ने अनेक किले / दुर्ग बनवाये जिसमे रायगढ़, प्रतापगढ़ इत्यादि दुर्गम पहाड़ों पर बने हुए है लेकिन सिंधुदुर्ग किला अपने आप में ख़ास और अलग है। चारों ओर से समुद्र से घिरे 50 एकड़ में फैले इस किले को अरब सागर में स्थित एक द्वीप पर बनाया गया है। इस किले का निर्माण वर्ष 1664 से 1667 के मध्य में हीरोजी इंडालकर के देख रेख में हुआ। इस किले का बहुत ही सामरिक महत्व था जो जलमार्ग से दुश्मन के आक्रमण को रोकने के लिए बनवाया गया था। किले की दीवारें बहुत ही मज़बूत बनाई गयीं है और इसमें नारियल के बहुत सारे पेड़ लगे हुए है। किले के मुख्य द्वार को इतनी चतुराई से बनाया गया है जिससे ये पता लगाना मुश्किल है कि अंदर जाने का रास्ता किधर से है।  किले के अंदर मीठे पानी के 3 कुएँ है जिसका नाम दुधबाव, दहीबाव और साखरबाव है।  खारे समुद्री पानी के मध्य में मीठे पानी के इन कुओं का होना अपने आप में एक आश्चर्य से कम नहीं है।

सिंधुदुर्ग किले(Sindhudurg Fort) के अंदर कई मंदिर भी है जिसमे हनुमान मंदिर प्रमुख है। इस किले में जाने के लिए दांडी बीच(Dandi Beach) से स्टीमर मिलता है। भारतीय वास्तुकला और मराठा साम्राज्य के रक्षा कौशल का जीता जागता प्रमाण सिंधुदुर्ग किला(Sindhudurg Fort) अवश्य ही देखने योग्य है।

 रॉक गॉर्डन ( Rock Garden )
रॉक गार्डन(Rock Garden) यहाँ से दिखने वाले सूर्यास्त(Sunset) के मनमोहक दृश्य के कारण प्रसिद्ध है।  सागर तट पर ऊँचे नीचे पत्थरों से घिरे इस जगह में शाम बहुत ही खूबसूरत होती है।  पत्थरों पर बैठकर सामने सूरज को ढलते हुए देखना और लहरों की पत्थरों से टकराने की आवाज़ सुनना एक बहुत ही अच्छा माहौल बना देता है।  यहाँ बहुत सारे लोग शाम से ही आना शुरू कर देते है।  प्रेमी और नवविवाहित लोगों के लिए यह पसंदीदा जगह है।  जैसे जैसे सूरज समुद्र की गोद में समाने लगता है वैसे ही पूरा आकाश और सामने दूर तक पानी लाल सा नज़र आने लगता है। 

मैंने इससे अच्छा सूर्यास्त का दृश्य आज तक नहीं देखा है। यहाँ थोड़ा जल्दी जाना चाहिए ताकि शाम से ही आप सूर्यास्त के समय के पूरे माहौल का अच्छे से आनंद उठा सके। 

 डॉल्फिन दर्शन ( Dolhpin Ride )
मैंने डॉलफिन(Dolphin) को या तो फोटो में देखा था या फिर किसी वीडियो में। जब मैंने सुना कि यहाँ डॉलफिन भी दिखती है तो हम लोग इसे देखना तय किया।  डॉलफिन देखने के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर 5 बजे नाव से समुद्र के थोड़ा अंदर जाना होता है।  हम लोग सुबह जल्दी उठकर तैयार हुए और अपने निर्धारित नाव पर सवार हो गए।  हम सभी लोग उत्साह से भरे हुए थे। नौका चालक ने बताया की डॉलफिन(Dolphin) देखना आपकी किस्मत पर निर्भर है क्योंकि यह ज़रूरी नहीं की हर रोज़ दिख ही जाए।  ये सुन कर थोड़ी सी मायूसी हुई लेकिन फिर भी हम लोग सकारात्मक सोच के साथ समुद्र के अंदर जाने लगे। सूर्योदय होने लगा था तथा आसमान और उसके नीचे सागर के पानी में सुबह की ताज़गी थी।  

हम लोग डॉलफिन(Dolphin) की बाते कर ही रहे थे तभी हमने देखा की सामने एक डॉलफिन पानी से बाहर उछलकर नीचे की ओर गोता  लगाया।  हम समझ गए की आज हमारा दिन है।  फिर तो हम लोगों ने 2-3  डॉलफिन को अपने नाव के आस पास देखा मानों वे हमारा स्वागत अपने ढंग से कर रही हों।  हमारा नाव उनको अपनी ओर आकर्षित कर रहा था।  इन खूबसूरत डॉलफिन को देख कर बहुत ही अच्छा लग रहा था।  करीब 1 घंटे तक हम लोगों ने इन डॉलफिन(Dolphin) के अठखेलियों को देखा।  वापस तट की ओर लौटते वक़्त ऐसा लग रहा था मानो हम लोग समुद्र से कीमती मोती लेकर लौट रहें हो।  वाकई शानदार और अद्भुत अनुभव था। 

 देवबाग और सुनामी द्वीप ( Devbag and Tsunami Island )
मालवण(Malvan) बस स्टैंड से 12 किलोमीटर स्थित देवबाग(Devbag) में करली नदी(Karli River) अरब सागर में आकर मिलती है।  नाव पर बैठकर हम लोग करली नदी और अरब सागर के संगम को देखने के लिए गये।  संगम पॉइंट पर लहरे बहुत ऊँची थी जिससे थोड़ा डर भी लग रहा था।  यहाँ से सूर्यास्त का दृश्य भी बहुत अच्छा लगता है।  देवबाग में भी वाटर स्पोर्ट्स की व्यवस्था है।  देवबाग(Devbag) से 4 किलोमीटर दूर करली नदी के डेल्टा पर एक छोटा सा सुनामी द्वीप(Tsunami Island) है। यहाँ का बैकवाटर बहुत ही सुन्दर है। यहाँ समुद्री ईगल (Sea Eagle) रेत के तटों पर शिकार की तलाश में घूमते दिखाई देते है।  यहाँ आस पास के इलाकों में नारियल के पेड़ों की संख्या बहुत है जो नज़ारे को बेहतरीन बनाते है।  दोस्तों और परिवार के साथ मौज़ मस्ती करने के लिए यह बहुत ही अच्छी जगह है।  

 तारकरली बीच ( Tarkarli Beach )
तारकरली बीच(Tarkarli Beach) मालवण(Malvan) का सबसे मशहूर जगह है।  बीच के आस पास हरे भरे पेड़ इस बीच की खूबसूरती को चार चाँद लगाते है।  यहाँ का समुद्र तट बहुत ही लंबा है। सैलानियों के लिए यह जगह इसलिए भी प्रिय है क्योंकि यहाँ बहुत शांति रहती है।  समुद्र के पानी के बहुत साफ़ सुथरा होने के कारण तैराकी के लिए उत्तम स्थान है।  बीच पर कब घंटों गुज़र जाते है पता ही नहीं चलता।  बच्चों को यहाँ रेत पर खेलना बहुत ही अच्छा लगता है। मालवण(Malvan) आने पर तारकरली बीच(Tarkarli Beach) आना एक अच्छा विचार है।  

 स्कूबा डाइविंग ( Scuba Diving )
टेलीविज़न पर प्रकृति से सम्बंधित चैनलों पर स्कूबा डाइव(Scuba Dive) करते हुए लोगों को देखने से हमेशा इसके प्रति आकर्षण था।  मेरी यह अभिलाषा मालवण में पूरी हुई।  मालवण देश के कुछ उन चुनिंदा जगहों में से एक है जहाँ स्कूबा डाइविंग होती है।  एक विशेष नाव पर बैठ कर हम लोग प्रशिक्षित लोगों के साथ स्कूबा डाइविंग(Scuba Diving) के लिए समुद्र में गए।  सिंधुदुर्ग किले(Sindhudurg Fort) के आस पास की जगह स्कूबा डाइविंग के लिए सबसे अनुकूल जगह है क्योंकि यहाँ का पानी कम गहरा है।  इसके कारण पानी के अंदर का नज़ारा बहुत ही साफ दिखता है।  नाव पर स्कूबा डाइविंग के लिए बने विशेष कपड़ों को पहन कर प्रशिक्षित लोगों के साथ पानी के अंदर गए।  समुद्र के अंदर का नज़ारा बेहद शानदार था।  अपने आस पास कोरल(Coral), जलीय पौधों(Aquatic Plants) और रंग बिरंगी मछलियों को पास से देखना ना भूल पाने वाला क्षण था।  मेरे ख्याल से सबको स्कूबा डाइविंग का अनुभव एक बार ज़रूर लेना चाहिए।  इसके लिए मालवण(Malvan) से अच्छी और आसानी से पहुँच सकने वाली जगह और कोई नहीं है।  

➥ मालवणी भोजन ( Malvani Cuisine )
अगर आप खाने पीने के शौक़ीन है तो मालवण(Malvan) आपको निराश नहीं करता है।  नारियल के तेल में बने मालवणी व्यंजन(Malvani Cuisine) बेहद ही ज़ायकेदार होते हैं।  समुद्री भोजन ( Sea Food ) को पसंद करने वाले लोगों के लिए मानो यह जगह स्वर्ग है।  सुरमई(King Fish), पॉमफ्रेट(Pomfret), केकड़ा(Crab) आदि के बेहतरीन व्यंजन यहाँ की विशेषता है।  हम लोगों ने यहाँ बहुत सारे व्यंजन खाये।  शाकाहारी लोगों के लिए भी यहाँ भोजन के अच्छे विकल्प मौजूद हैं।  

यहाँ का एक बहुत ही प्रसिद्ध पेय है  जिसका नाम 'सोलकढ़ी' (Solkadhi) है। ताज़ा नारियल और कोकम के फल से बना हल्के गुलाबी रंग का यह खट्टा मीठा पेय बहुत ही स्वादिष्ट होता है।  इसको बनाने में कुछ मसालों का भी प्रयोग होता है। आम तौर पर इसे भोजन के साथ परोसा जाता है क्योंकि यह खाने को आसानी से पचाने में  सहायक  होता है।  मालवणी व्यंजनों(Malvani Cuisine)  को ज़रूर चखना चाहिए।

इसके अलावा मालवण(Malvan) में घूमने की अन्य जगह भी है जैसे जय गणेश मंदिर, अचारा बीच, तोंडावली बीच  इत्यादि।  शहर के शोर शराबों से दूर मालवण(Malvan) निश्चित ही आपको बेहद सुकून के साथ वक़्त गुज़ारने के साथ साथ एडवेंचर वाटर स्पोर्ट्स के रोमांच का अनुभव करवाता है।


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मालवण में ये करना ना भूलें बनाना राइड, पैरासेलिंग, स्कूबा डाइविंग, डॉलफिन दर्शन, समुद्री मालवणी भोजन, फोटोग्राफी।
मालवण कैसे पहुँचे : सबसे निकटतम हवाई अड्डा 115 किलोमीटर दूर गोवा में है। नज़दीकी रेलवे स्टेशन कुडाल लगभग 30  किलोमीटर दूर है।   सड़क मार्ग द्वारा मुंबई, पुणे और गोवा से आसानी से मालवण पहुँच सकते हैं।   
मालवण जाने सबसे अच्छा समय : मालवण जाने के लिए सबसे अच्छा समय दिसंबर से मार्च तक का है।
मालवण जाने में लगने वाला समय :   4 दिन / 3 रात



















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