राजमाची दुर्ग मानसून ट्रैकिंग (Trekking to Rajmachi Fort in Monsoon-Hindi Blog)
राजमाची दुर्ग(Rajmachi Fort) महाराष्ट्र में पुणे और मुंबई के मध्य लोणावला(Lonavla) के पास है। हम लोग पुणे से लोकल रेल द्वारा सुबह 8 बजे लोनावला के लिए निकले। पुणे से लोणावला की 65 किलोमीटर की दूरी रेल से करीब 1 घंटे में पूरी होती है। पश्चिमी घाट(Western Ghats) में होने की वजह से पूरा रेलमार्ग बहुत ही खूबसूरत है। लोणावला पहुँच कर हम लोग एक ऑटो रिक्शा में बैठकर उस स्थान पर पहुँचे जहाँ से राजमाची फोर्ट की ट्रैकिंग शुरू होती है। यह अगस्त का महीना था और मानसून(Monsoon) अपने चरम पर होने के कारण बारिश बहुत तेज़ हो रही थी।
लोणावला से राजमाची किला(Rajmachi Fort) की ट्रैकिंग सुबह 11 बजे शुरू हुआ। हम लोगों को 17 किलोमीटर की ट्रैकिंग करके शाम तक राजमाची किले के आधार गाँव(Base Village) उदवाडी(Udhewadi) जिसे राजमाची गाँव(Rajmachi Village) भी कहा जाता है वहाँ पहुँचना था। झमाझम बारिश में हम लोग आगे बढ़ने लगे। रास्ते में कुछ कस्बों को पार करके सुन्दर पहाड़ों वाला क्षेत्र शुरू हो जाता है। पूरे रास्ते में जंगल, झरने, बादलों से घिरे पहाड़ और सुन्दर नज़ारे दिखते हैं। करीब आधा रास्ता पूरा करने के बाद हम लोग एक स्थान पर रुके जहाँ मैगी और चाय मिल रही थी। वहाँ रुक कर थोड़ा आराम किया और बारिश में भीगते हुए गरमागरम मैगी और चाय की चुस्की लेते हुए नज़ारे देखने लगे।
यहाँ से राजमाची किले(Rajmachi Fort) वाला पहाड़ दिख रहा था। कुछ देर तक फोटोग्राफी करने के बाद हम लोग आगे बढ़ने लगे। हमारे साथ एक प्यारा सा कुत्ता भी चल रहा था जो वहीं पास के किसी गाँव का था। ऐसा लग रहा था मानो धर्मराज युधिष्ठिर को स्वर्ग की ओर मोक्ष दिलाने ले जाने वाला कुत्ता हमें अपनी मंज़िल राजमाची दुर्ग की ओर ले जाने के लिए आया है। प्रकृति के खूबसूरत आँचल में चलते हुए शाम 6 बजे हम लोग राजमाची किले(Rajmachi Fort) के आधार गाँव (Base Village) उदवाडी(Udhewadi) पहुँचे। इसी गाँव में रात को हमारे रुकने की व्यवस्था थी। गाँव छोटा लेकिन बहुत ही खूबसूरत था। गाँव में भगवान गणेश का एक बहुत ही सुन्दर मंदिर था जो आम तौर पर महाराष्ट्र के सभी गावों में होता है।
इस गाँव में ट्रैकिंग करने आये अन्य समूह के लोग भी रुके थे। पूरे दिन चलने के कारण थकान बहुत थी और ज़ोरो की भूख लगी थी। जिस घर में हमें रुकना था वहां पहुँच कर अपने भीगे कपड़ों को बदल कर सूखे कपड़े पहनने के बाद जमीन पर बैठकर पारंपरिक महाराष्ट्रियन व्यंजन 'झुणका' जो बेसन की बहुत ही लज़ीज़ सब्ज़ी है और 'भाखर' जो ज्वार बाजरे की रोटी है को ज़ी भरकर खाया। वाकई बहुत मज़ा आया। अब हम लोग एक बड़े से हॉल में सोने के लिए गए। बारिश की आवाज़ संगीत की तरह लग रहा था। हम लोग बहुत देर तक लालटेन की रोशनी कार्ड खेलते रहे। थकान के कारण कब नींद लग गयी पता ही नहीं चला।
सुबह 6 बजे उठकर राजमाची किले(Rajmachi Fort) की चढ़ाई करने के लिए तैयार हुए। कुछ सीढ़िया चढ़ने पर एक छोटा सा मंदिर मिलता जो बहुत ही सुन्दर है। यहां से राजमाची फोर्ट जो दो अलग अलग पहाड़ों जिसे 'श्रीवर्धन'(Shrivardhan) और 'मनरंजन'(Manranjan) के नाम से जाना जाता है वहाँ के लिए रास्ते जाते है। राजमाची के ये दोनों किले बहुत ही खूबसूरत है। इसे सातवाहन शासकों ने बनवाया था। बाद में यह मराठा शासन के अधीन हो गया। यह एक रक्षात्मक किला था जो पुराने समय में मुंबई और पुणे के व्यापार मार्ग की निगरानी के लिए बनाया गया था। यहाँ से सह्याद्रि की पहाड़ियाँ बहुत ही मनमोहक लगती है।
राजमाची फोर्ट(Rajmachi Fort) से वापस उदवाडी गाँव में आकर हम लोगों ने लंच किया। अब हम वापस लोणावला(Lonavla) के लिए ट्रैकिंग करने को तैयार थे। बारिश लगातार हो रही थी। वापसी के समय हम लोग एक पहाड़ी नदी के किनारे बहुत देर तक आराम किये। यह बहुत ही सुन्दर नदी थी जो आगे जाकर पहाड़ों से गिरकर झरने का रूप ले रही थी। यहाँ हमारी थकान दूर हो चुकी थी। वापस लोणावला पहुँच कर हम लोगों ने सूखे कपड़े पहनकर पुणे की लोकल ट्रैन का इंतज़ार करने लगे। राजमाची दुर्ग की यह ट्रैकिंग प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर है। चारों तरफ की हरियाली आँखों को बहुत सुकून देती है। यहाँ मानसून में ट्रैकिंग करने जरूर जाइये।
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➝ कठिनाई स्तर : आसान।
➝ धैर्य स्तर : मध्यम।
➝ ट्रैकिंग समय : लगभग 6-7 घंटे।
➝ राजमाची दुर्ग ट्रैक पर कैसे पहुंचे : मुंबई से 99 और पुणे 80 किलोमीटर दूर कार द्वारा आसानी से लोणावला पहुंच सकते है। मुंबई और पुणे से लोणावला के लिए लोकल ट्रैन ले सकते है।
➝ राजमाची दुर्ग ट्रैक पर जाने सबसे अच्छा समय : जुलाई से अक्टूबर ( मानसून के बारिश के वक़्त )
➝ राजमाची दुर्गट्रेक पर जाने में लगने वाला समय : 2 दिन का। उदवाडी में रात ज़रूर गुज़ारें।
➝ राजमाची दुर्ग ट्रेक पर ले जाने वाले अनिवार्य सामान : ट्रैकिंग शूज, अतिरिक्त सूखे कपड़े , तौलिये , ग्लूकोज़ युक्त पानी की बोतल, कैमरा , मोबाइल को भीगने से बचाने के लिए प्लास्टिक कवर, दर्द निवारक स्प्रे, स्नैक्स, फोटो आईडी।Blogger Name: Pramod Kumar Kushwaha
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