कास पठार : महाराष्ट्र में फूलों की घाटी (Trip to Kaas Plateau : Maharashta's Valley of Flower-Hindi Blog)
फूलों की घाटी(Valley of Flowers) का नाम आते ही हमारे सामने उत्तराखंड का विचार आता है लेकिन अपेक्षाकृत कम लोगों को ही पता होगा कि एक फूलों की घाटी महाराष्ट्र में भी है। जी हाँ ! सही पढ़ा आपने। महाराष्ट्र के सातारा जिले (Satara District) में पहाड़ पर स्थित कास पठार(Kaas Plateau or Kaas Pathar) असंख्य सुन्दर फूलों के होने के कारण प्रसिद्ध है। सातारा शहर से कास पठार की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है। वर्ष 2012 से ही यह यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व की विरासत स्थलों(UNESCO World Heritage Site) की सूची में दर्ज़ है। कास पठार लगभग 10 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
सातारा शहर से महाराष्ट्र के पर्यटन विभाग (MTDC) की बसें कास पठार तक पर्यटकों को ले जाती हैं जहाँ से आप पैदल ही पूरे कास पठार(Kaas Plateau) पर घूम सकते हैं। घाटी में घूमने के लिए पतले पतले रास्ते बनाये गए हैं जिससे फूलों को कोई नुकसान ना हों। कास पठार(Kaas Plateau) में करीब 150 प्रजाति के फूल हैं। इसमें बहुत सी किस्में दुर्लभ है।अगस्त और सितंबर महीने में पूरी घाटी पीले, लाल, सफ़ेद, नीले इत्यादि रंग बिरंगे फूलों से भर जाती है। यहाँ पाए जाने वाले मुख्य फूलों में पीले रंग का हेयरी स्मिथिआ और बैंगनी रंग का यूट्रिकुलारिया पर्पुरासेंस बहुत अच्छे दिखते हैं। इन फूलों पर मंडराते भवरें और तितलियाँ पूरे नज़ारें को मनमोहक बना देती हैं। कास पठार(Kaas Plateau) पर बहुत सारे साँप भी पाए जाते है जो इधर उधर घूमते अक्सर दिख ही जाते हैं। अगर आप कार से जा रहें हैं तो आपको अतिरिक्त सावधान रहने की आवश्यता है जिससे सड़क को पार करता कोई जीव कार से दबकर मारा ना जाए।
सातारा शहर से महाराष्ट्र के पर्यटन विभाग (MTDC) की बसें कास पठार तक पर्यटकों को ले जाती हैं जहाँ से आप पैदल ही पूरे कास पठार(Kaas Plateau) पर घूम सकते हैं। घाटी में घूमने के लिए पतले पतले रास्ते बनाये गए हैं जिससे फूलों को कोई नुकसान ना हों। कास पठार(Kaas Plateau) में करीब 150 प्रजाति के फूल हैं। इसमें बहुत सी किस्में दुर्लभ है।अगस्त और सितंबर महीने में पूरी घाटी पीले, लाल, सफ़ेद, नीले इत्यादि रंग बिरंगे फूलों से भर जाती है। यहाँ पाए जाने वाले मुख्य फूलों में पीले रंग का हेयरी स्मिथिआ और बैंगनी रंग का यूट्रिकुलारिया पर्पुरासेंस बहुत अच्छे दिखते हैं। इन फूलों पर मंडराते भवरें और तितलियाँ पूरे नज़ारें को मनमोहक बना देती हैं। कास पठार(Kaas Plateau) पर बहुत सारे साँप भी पाए जाते है जो इधर उधर घूमते अक्सर दिख ही जाते हैं। अगर आप कार से जा रहें हैं तो आपको अतिरिक्त सावधान रहने की आवश्यता है जिससे सड़क को पार करता कोई जीव कार से दबकर मारा ना जाए।
कास पठार(Kaas Plateau) पर एक सुंदर सी झील भी है जिसे कास झील(Kaas Lake) के नाम से जाना जाता है। यह झील सातारा शहर को पानी आपूर्ति करता है। कास पठार में फूल बहुत ही सीमित समय के लिए रहते हैं इसलिए अगस्त से सितंबर माह में ही यहाँ जाए वर्ना फूल ना होने के कारण आप निराश हो सकते हैं। कास पठार(Kaas Plateau) प्रकृति को पसंद करने, वनस्पति और जीवों में रूचि रखने वाले लोगों के लिए बहुत ही उत्तम स्थान है। किसी कारणवश आपको उत्तराखंड में फूलों की घाटी न देख पाने का मलाल है तो दिल छोटा ना करें। महाराष्ट्र के सातारा में स्थित यह प्यारा सा स्थान कास पठार(Kaas Plateau) आपको निराश नहीं करेगा।
**********
➜कास पठार में ये करना ना भूलें : रंग बिरंगे फूलों और तितलियों की फोटोग्राफी।
➜कास पठार कैसे पहुँचे : निकटतम हवाई अड्डा पुणे में है जो यहाँ से करीब 135 किलोमीटर दूर हैं। नज़दीकी रेलवे स्टेशन सातारा में लगभग 25 किलोमीटर दूर है। सड़क मार्ग द्वारा मुंबई, पुणे, कोल्हापुर इत्यादि स्थानों से कार, टैक्सी और बस से आसानी से सातारा पहुँच सकते हैं।
➜कास पठार जाने सबसे अच्छा समय : कास पठार जाने के लिए सबसे अच्छा समय अगस्त से सितंबर तक का है जब यहाँ की घाटी फूलों से भर जाती है।
➜कास पठार जाने में लगने वाला समय : 1 दिन
➜कास पठार जाने में लगने वाला समय : 1 दिन
For more information & feedback write email at : pktipsonline@gmail.com