संदेश

मंज़िल से दूर (Away from Destination - Hindi Poem)

चित्र
कहां जाना था हमें कहा पहुंच गए हैं,  भटकते हुए मंज़िल से दूर निकल गए हैं।  आसमान में छाए बादल का संदेशा है,  तूफान जो कमज़ोर थे हद तोड़ चुके है। उन झुग्गियों में इतना अंधेरा क्यों है  क्या मजदूरों के पसीने सूख से गए है।   ये फुटपाथ पे खरीददार को तरसते दिए, क्या बाजार में नए मिज़ाज घुल गए है।    चांद गरीब के आँगन से दूर क्यों है, क्या रात ने उजालों की कीमत तय की है।  वो टूटे घर खड़े है जो शहर के इक किनारे पर,  अमीरों के महल से दाग चुभते लग रहे है।  रोटी की कीमत तय करने वालों ये सोचो ज़रा, किसान सबको खिलाकर खुद भूखे क्यों मर रहे हैं।  कभी जा कर दिल्ली देखो कब्र शहंशाहों की, जो चलाते थे कभी हुक्म कैसे ज़मीदोज़ हो चले हैं।  यूं सब कुछ हमेशा, हमेशा के लिए नहीं मिलता, तो फिर इतनी शिद्दत से सब जुटाए क्यों है।  कहां जाना था हमें कहा पहुंच गए हैं,  भटकते हुए मंज़िल से दूर निकल गए हैं।  ******** रचनाकार - प्रमोद कुमार कुशवाहा Image Credits : Pixabay 👉 Click Here for  Facebook Page 👉 Click Here for Youtube Link For more information & feedback write email at :  pktipsonline@gmail.com

धैर्य रखने से मंज़िल मिला करता है (Patience - Hindi Poem)

चित्र
जब कठिन वक्त में मन बिखर जाता है, अपने मंजिल को पाने निकल पड़ता हैं, वक्त सब्र का ज़रा इम्तेहान लेता है, धैर्य रखने से मंज़िल मिला करता है।  जैसे नदियों का सागर से मिलने निकलना, कभी घाटों या जंगल से दो चार होना, फिर टेढ़े से रस्तों से गुजरना होता है, धैर्य रखने से मंज़िल मिला करता है।  जैसे चींटी को चीनी के दाने का मिलना, है भारी बहुत लेकिन कंधे पे ढोना, यूं मुश्किल से घर को जाना होता है धैर्य रखने से मंज़िल मिला करता हैं।  जैसे बगुले का पानी में नजरें जमाना, जल में छोटी सी मछली पे आंखे गड़ाना, ऐसे कर्मों का फल रब अदा करता है धैर्य रखने से मंज़िल मिला करता हैं।    मेरे व्याकुल से मन ज़रा रुक तो सही, सब मिलेगा तुम्हे इतनी जल्दी नहीं, जितना सोना तपेगा खरा होता है, धैर्य रखने से मंज़िल मिला करता है।  ******** रचनाकार - प्रमोद कुमार कुशवाहा Image Credits :   Pixabay 👉 Click Here for  Facebook Page 👉 Click Here for Youtube Link For more information & feedback write email at :  pktipsonline@gmail.com

मैं सत्य हूँ (I am Truth - Hindi Poem)

चित्र
तुम चाहो तो मुझे मसल दो झूठ के दम पर, लेकिन मैं बिखर जाऊंगा ज़मीं पर चींटियों की तरह, फिर मसलना कठिन होगा, क्योंकि मैं सत्य हूँ। हो सकता है तुम मुझे जकड़ लो फंदों में, पर फिर भी मैं आसमान में फैल जाऊंगा परिंदों की तरह, मुश्किल होगा पकड़ना फिर से, क्योंकि मैं सत्य हूँ। मुझे कैद कर सकते हो जाल बिछाकर धोखे से, मैं नज़र आऊंगा समुद्र में झुंड मछलियों की तरह, आसान नही होगा कैद कर पाना, क्योंकि मैं सत्य हूँ। तुम भले ही बादलों से ढक दो मेरे अस्तित्व को, कुछ देर से ही सही नज़र आऊंगा तारों की तरह, नही नकार सकते मेरे अस्तित्व को, क्योंकि मैं सत्य हूँ। मैं अविचल हूं हिमालय की तरह, अविरल हूं झरने की तरह, निर्मल हूं गंगा की तरह, निरंतर हूं लहरों की तरह, अंत में जीत मेरी ही निश्चित है, क्योंकि मैं सत्य हूँ। ******** रचनाकार - प्रमोद कुमार कुशवाहा Image Credits :   Pixabay 👉 Click Here for  Facebook Page 👉 Click Here for Youtube Link For more information & feedback write email at :  pktipsonline@gmail.com

हागिआ सोफिआ : एक इमारत का धर्मपरिवर्तन (Hagia Sophia - The Proselytism of a Building)

चित्र
तुर्की गणराज्य(Republic of Turkey) के एक प्रसिद्ध शहर इस्तांबुल(Istanbul) में स्थित एक इमारत का नाम हागिआ सोफिआ(Hagia Sophia) है। इंसान को धर्म परिवर्तन(Proselytism) करते हुए हम सब ने सुना है। लेकिन क्या इमारतें भी धर्म परिवर्तन कर सकती हैं? सुनने में तो ये अज़ीब लगता है लेकिन ये सच्ची घटना है हागिआ सोफिआ(Hagia Sophia) की। हागिआ सोफिआ(Hagia Sophia) दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है। हागिआ(Hagia) को तुर्की भाषा में अया बोला जाता है। अया(Hagia) का अर्थ होता है पवित्र(Holy) और सोफिआ(Sophia) का बुद्धिमत्ता(Wisdom)।  अया सोफ़िया (Hagia Sophia) के बारे में जानने के लिए हमें टटोलना होगा रोमन साम्राज्य(Roman Empire) से सम्बंधित इतिहास के उन पन्नों को जिसकी शुरुवात होती है चौथी सदी में। उन दिनों रोमन साम्राज्य पर सम्राट(Emperor) कोनस्टैनटिन प्रथम(Constantine-I, Ruled Year 306 AD to 337 AD) का शासन था। कोनस्टैनटिन प्रथम ऐसे पहले रोमन शासक थे जिन्होंने ईसाई धर्म (Christianity) अपनाया। इससे पहले रोमन साम्राज्य में विभिन्न देवताओं की पूजा होती थी जिसमे जुपिटर(Jupitor), जूनो(Juno), मार्स(Mars) इत्यादि प

How to send bulk emails with different attachments? (Mail Merge in Gmail)

चित्र
➜ What is Mail Merge? Mail Merge is very interesting and powerful method of Word Processing tool like MS Word which is used to create personalized letters, labels & name tags etc using the data from spreadsheets(excel files), tables of databases. For example, if you need to send Letter of Appreciation to 100 numbers of your employees. In this case your letter format is same for all but the data like name of employee, employee id, designation etc will be different for each employee. So, by using Mail Merge facility we only need to create the format of letter once and then we can import and merge the data of employees from excel file or database tables and generate 100 personalized letters for each employee in few easy steps in few seconds. ➜ What is Mail Merge in Gmail with Attachments? Mail Merge facility in gmail is used to send bulk emails having personalized message body and different attachment files for each email. For example, if you need to send 200 numbers of personalized e

सात बेहतरीन किताबें जो आपकी ज़िन्दगी बदल देंगी (7 Must Read Books Before You Die : Hindi Blog)

चित्र
किताबें यानी पुस्तकें(Books) हर किसी की ज़िन्दगी में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। हमारे जीवन और प्रगति में किताबें हमेशा से ज्ञान का स्रोत रही है। कला हो या विज्ञान, धर्म हो या संस्कृति, इतिहास या अभियांत्रिकी, चिकित्सा हो या वाणिज्य, ऐसे तमाम क्षेत्रों में मार्गदर्शन देने का काम किताबों का रहा है। प्राचीन समय में इन पुस्तकों का स्वरुप पांडुलिपिओं के रूप में भोजपत्र थे जो वर्तमान में ई-किताब(e-book) में परिवर्तित हो गए हैं लेकिन किताबों का हमारे क्रमिक विकास में भूमिका पहले से कम ना होकर बढ़ी ही है। जिसे किताबों से प्यार होता है वो कभी अपने आप को कमज़ोर और अकेला महसूस कर ही नहीं सकता ऐसा मेरा अपना अनुभव है। किताबें हमारे मित्र भी हैं और गुरु भी। हर तरह के ज्ञान से परिपूर्ण पुस्तकें ही हमें सच्चा ज्ञान, समझ, अपने कर्म और स्वभाव से परिचित करवाती हैं। ऐसे ही सात किताबों(7 Books) के बारे में मैं अपनी जानकारी साझा करना चाहता हूँ जो सभी लोगों को अवश्य पढ़ना चाहिए।  1. रिच डैड पुअर डैड (Rich Dad Poor Dad) यह बहुत ही अद्भुत किताब है।  इस किताब के लेखक(Author) है रॉबर्ट कियोसाकि (Robert Ki

सांगली : कृष्णा नदी के किनारे हल्दी और अंगूरों का शहर (Sangli - Turmeric & Grapes City on the banks of Krishna River)

चित्र
सांगली(Sangli) पश्चिम महाराष्ट्र में कर्नाटक की सीमा से सटा हुआ एक बेहद खुशमिज़ाज़ और ज़िंदादिल शहर है। यह शहर मेरे वर्तमान नौकरी (Job) में पहली नियुक्ति (Posting) का स्थान भी है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या के पास गोंडा जैसे छोटे कस्बे में प्रारंभिक जीवन गुज़ारने की वजह से मुझे बड़े मेट्रो शहर की भाग दौड़ पसंद नहीं है।  ऐसे में जब मैं सांगली(Sangli) जैसे शहर में आया तो ऐसा लगा जैसे अपने कस्बे में ही वापस आ गया हूँ। बहुत कम ही ऐसे शहर होते हैं जो बाहर से आनेवालों को इतना जल्दी अपने आत्मिक व्यवहार से अपना बना लेते हैं। सांगली शहर भी  कुछ ऐसा ही है। सांगली(Sangli) के बारे में मेरी कुछ पंक्तियाँ इस शहर के बारे में मेरी भावनाओं को प्रदर्शित करती हैं -  दिल के बड़े ही नेक हैं अंदाज़ मखमली, अंगूर और हल्दी का बाजार चांगली, प्रतिकूल हवाओं में भी बेफ़िक्र ये शहर, कृष्णा नदी की गोद में आबाद सांगली।  चांगली का मतलब मराठी भाषा में 'बहुत अच्छा'(Very Good) होता है। बाढ़ हो या कोरोना काल, मैंने इस शहर को हर परिस्थितियों का डटकर सामना करते देखा है। सांगली में घूमने देखने की बहुत सारी जगह है और यहाँ का व्याप

खाइये ! आप लखनऊ में हैं। ( Eat ! You are in Lucknow - Hindi Blog)

चित्र
नवाबों का शहर लखनऊ(Lucknow) यूँ तो घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है लेकिन मेरा यह आलेख यहाँ के ज़ायकेदार व्यंजनों पर है। अपने अदब और तहज़ीब के लिए पूरी दुनियाँ में मशहूर यह शहर अपने शानदार व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है। लखनऊ(Lucknow) की बिरयानी हो या कुल्फी, चाट हो या मुगलई भोजन, यह खूबसूरत शहर अपने दस्तरख़ान(Table Cloth) पर सभी तरह के व्यंजनों को अपने चाहने वालों के लिए परोसता रहता है। लखनऊ(Lucknow) के बारे में किसी ने ठीक ही कहा है - कुछ भी कहो, कुछ भी करो, मुझे कहीं भी ले चलो, जन्नत ले चलो या लखनऊ शहर ले चलो । लखनऊ (Lucknow)  में खाने पीने के लिए अनगिनत रेस्त्रां(Restaurant) हैं लेकिन कुछ जगह ऐसे हैं जो अपने लज़ीज़ स्वाद की वजह से भारत ही नहीं पूरी दुनिया में जाना माना नाम हैं। ऐसे ही कुछ मशहूर फ़ूड पॉइंट (Food Points) के बारे में विस्तार से बता रहा हूँ। आप जब भी लखनऊ (Lucknow)  जाइये इन जगहों पर ज़रूर जाइये। यक़ीन मानिए आपको लखनऊ के व्यंजनों का स्वाद पूरी ज़िन्दगी याद रहेगा।  ➥ टुंडे  क़बाबी(Tunday Kababi) अगर आप मांसाहारी भोजन के शौक़ीन हैं तो यह जगह आपके लिए ज़न्नत जैसी ही है। लखनऊ के अमीनाबा

चित्रकूट : जहाँ कण कण में बसे हैं श्रीराम (Trip to Chitrakoot - Hindi Blog)

चित्र
चित्रकूट(Chitrakoot) एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर धर्मनगरी(Religious City) है। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट(Chitrakoot) जिले में स्थित और मध्यप्रदेश के सतना(Satna) जिले से सटे इस धाम को तीर्थों का तीर्थ भी कहा जाता है। चारों ओर से विंध्य पर्वत श्रेणी से घिरा और मंदाकिनी नदी(Mandakini River) के किनारे बसे चित्रकूट के बारे में यह मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम(Lord Ram) वनवास के 14 वर्षों में से 11 वर्ष लक्ष्मण और माता सीता के साथ यहीं निवास किये थे। यहाँ का वातावरण इतना शांत और अच्छा है कि यह हमेशा सबको अपनी ओर आकर्षित करता रहता है। रहीम के शब्दों में -  चित्रकूट में रमि रहें, 'रहिमन' अवध-नरेश, जा पर विपदा परत है, सो आवत यही देश।  चित्रकूट(Chitrakoot) के घाट, यहाँ के पर्वत, कल कल करता हुआ मंदाकिनी नदी का पानी हमें रामायण के दृश्यों को हमारे आसपास होने का खूबसूरत एहसास दिलाता है। यह पुण्य स्थान महान ऋषि मुनियों अत्री, दत्तात्रेय, अनुसुइया, मार्कण्डेय इत्यादि की तपो भूमि भी है जिन्होंने अपने तपोबल से यहाँ की आध्यात्मिकता को सुगंधित किया। मर्यादा पुरुषोत्तम भ