देवकुंड झरना मॉनसून ट्रैक(Trekking to Devkund Waterfall in Monsoon)
देवकुंड झरना(Devkund Waterfall) महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भीरा गाँव(Bhira Village) के पास स्थित है। देवकुंड झरने से ही कुंडलिका नदी(Kundalika River) निकलती है। यहाँ बिजली पैदा करने के लिए एक बाँध भी बनाया गया है जिसे भीरा बाँध(Bhira Dam) के नाम से जानते है। पुणे(Pune) से लगभग 110 किलोमीटर और मुंबई(Mumbai) से करीब 125 किलोमीटर दूर यह जगह बेहद खूबसूरत है। सह्याद्रि की पहाड़ियों(Sahayadri Hills) में स्थित तामहिनी घाट(Tamhini Ghats) के बीच में देवकुंड झरना(Devkund Waterfall) ट्रैकिंग(Trekking) करने वालों के लिए एक बहुत सुंदर स्थान है। भीरा गाँव से देवकुंड झरने(Devkund Waterfall) तक की 4-5 किलोमीटर की ट्रैकिंग 2 से 3 घंटों में पूरी हो जाती है।
पुणे से मॉनसूनी बारिश से सराबोर एक सुबह को अपने दोस्तों के साथ भीरा गाँव(Bhira Village) के लिए हम लोग निकले। यह रास्ता प्राकृतिक नज़ारों से संपन्न है। मुलशी बाँध(Mulshi Dam) से होते हुए तामहिनी घाट(Tamhini Ghats) के पहाड़ों में हमारी कार आगे बढ़ती जा रही थी। बहुत सारे छोटे बड़े झरने सड़क के किनारे बह रहे थे जहाँ लोग अपनी गाड़ी को रोक कर इन नजारों का मज़ा ले रहे थे। करीब 4 घंटे की यात्रा कार से पूरी करने और खूबसूरत रास्तों का लुफ्त उठाते हम लोग भीरा गाँव पहुँचे। भीरा गाँव देवकुंड झरने की ट्रैकिंग(Devkund Waterfall Trek) का प्रारंभ स्थान(Starting Point) है। भीरा से आगे कुछ दूर तक सड़क पर चलने के बाद जंगल शुरु हो जाता है।
यहाँ का जंगल बहुत ही घना है। मॉनसून का मौसम होने के कारण बारिश भी जोरों की हो रही थी। जंगल के उबड़ खाबड़ मिट्टी के पगडंडी पर चलने का भी अपना एक अलग मज़ा है। देवकुंड झरने(Devkund Waterfall) तक की ट्रैकिंग का पूरा रास्ता ही बहुत साहसिक(Adventurous) है। कही पर चढ़ाई है तो कही पर ढलान। रास्ते में जंगलों के बीच पानी की धाराओं(Water Streams) को भी पार करना पड़ता है। कुछ जगह पर पानी के बहुत तेज़ बहाव को भी पार करना पड़ा। गाँव के लोग रस्सी को किनारों पर बाँध कर सभी लोगों को नदी पार करा रहे थे। एक जगह लकड़ी का एक पुल भी बना था जो चलने पर बहुत जोर से हिल रहा था। इन रोमांचकारी पलों को अनुभव करना बहुत अच्छा लगा। हम लोग बारिश में पूरी तरह भीगे हुए थे।
आस पास का पूरा इलाका ही विस्मयकारी दृश्यों से भरा पड़ा था। सुदूर के पहाड़ों से गिरती झरने की ढेर सारी पंक्तियों को देखना अद्भुत था। लगभग 3 घंटे की ट्रैकिंग के बाद हम लोग देवकुंड झरने(Devkund Waterfall) के पास पहुँचे। आखरी कुछ मिनटों का रास्ता थोड़ा कठिन था। बड़े बड़े पत्थरों के सहारे उतर कर नीचे घाटी में पहुँचना था जहाँ देवकुंड झरना था। कुछ समय के बाद आखिरकार हम लोग अपने मंज़िल देवकुंड झरना(Devkund Waterfall) पहुँच गए। यह एक बहुत ही विशाल झरना था। करीब 80 फ़ीट से झरने का पानी एक बड़े से कुंड में गिर रहा था जिससे बड़ी बड़ी लहरें बन रही थी। इस झरने के पास ही एक छोटा सा मंदिर भी है।
धीरे धीरे बड़े चट्टानों के बीच से हम लोग भी कुंड के पास पहुँचे। जोरदार बारिश की वजह से देवकुंड झरना(Devkund Waterfall) बहुत अच्छा तो लग रहा था लेकिन पानी की तेज़ बहाव से थोड़ा डरावना भी दिख रहा था। हम लोग कुंड में उतर कर झरने का मजा लेने लगे। लेकिन कुंड में तेज़ लहरों के कारण स्थिर खड़ा रहना मुश्किल हो रहा था। यह कुंड बीच में बहुत गहरा है इसलिए रस्सी बांधकर आगे जाना प्रतिबंधित किया गया है। गाँव के लोग सीटी बजाकर लोगों को तेज़ लहरों से दूर रहने के लिए सावधान कर रहे थे। थोड़े देर मौजमस्ती करने के बाद अब वापस ट्रैक करके भीरा गाँव(Bhira Village) जाना था जहाँ हमारी कार खड़ी थी। मौसम बहुत ठंडा था और हम लोग बहुत भीगे हुए थे। ऐसे वक़्त में गरमागरम चाय और मैगी से बेहतर कुछ हो ही नही सकता था। हमने भी रुक कर प्रकृति की गोद में बैठकर थोड़ा खाया पिया।
कुछ घंटों की ट्रैकिंग के बाद हम लोग वापस भीरा गाँव पहुँच गए। सूखे कपड़े पहन कर कार में संगीत की मीठी धुन सुनते हुए देवकुंड झरने(Devkund Waterfall) की बेहतरीन अनुभव के साथ वापस पुणे(Pune) की तरफ बढ़ने लगे। इस मॉनसून की यह हमारी पहली ट्रैकिंग(Trekking) थी। लेकिन यह सिर्फ एक आगाज़ था की सुनों नदियों, झरनों, जंगलों और पहाड़ों तुमसे फिर जल्दी ही मिलना होगा। हम तुमसे दूर बहुत समय तक नहीं रह सकते और जल्दी ही वापस आएंगे। यह सिलसिला कुछ समय तक रुकने वाला नहीं है। क्योंकि यह मॉनसून अभी थमने वाला नहीं है।