लद्दाख : एक अविस्मरणीय यात्रा (An Unforgettable Trip to Leh Ladakh - Hindi Blog)

लद्दाख(Ladakh) भारत के सबसे उत्तर भाग में बसा एक केंद्र शासित प्रदेश(Union Territory) है। इसे ऊँचे दर्रों की भूमि(Land of High Passes) के नाम से भी जाना है। लद्दाख(Ladakh) की राजधानी लेह(Leh) है। ट्रांस हिमालय(Trans Himalaya) के काराकोरम पर्वतमाला(Karakoram Range) में स्थित प्राकृतिक दृष्टि से बेहद सुन्दर यह प्रदेश सामरिक(Tactical) दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। लद्दाख(Ladakh) में पाकिस्तान अधिकृत गिलगित - बाल्टिस्तान(Pakistan Occupied Gilgit-Baltistan) और चीन(China) की सीमाएं मिलती हैं। यहाँ का ज्यादातर हिस्सा पठारी(Plateau) तथा मौसम शुष्क(Dry) और कठोर(Hard) है। बौद्ध धर्म(Buddhism) यहाँ का प्रमुख धर्म(Religion) है। लद्दाख(Ladakh) में बहुत सारे बौद्ध मठ(Monastery) हैं जो देखने योग्य हैं। यहाँ बहने वाली नदियों में सिंधु नदी(Indus River), जांस्कर नदी(Zanskar River) और श्योक नदी(Shyok River) मुख्य हैं। यहाँ के मुख्य दर्रों(Mountain Passes) में ज़ोजिला(Zoji La), खारदुंगला(Khardung La), चांगला(Chang La) और वरीला(Wari La) हैं। दर्रे(Mountain Passes) को स्थानीय लद्दाखी(Ladakhi) भाषा में 'ला'(La) कहा जाता है। 

वैसे तो लद्दाख(Ladakh) हमेशा से पर्यटन की दृष्टि से एक बहुत प्रसिद्ध स्थान रहा है लेकिन इसको आम जनता और युवाओं में लोकप्रिय करने में बॉलीवुड के स्टार आमिर खान अभिनीत फिल्म 3 इडियट्स(3 Idiots) का बहुत बड़ा हाथ है। इस फिल्म ने लद्दाख(Ladakh) की खूबसूरती को बहुत अच्छे ढंग से पेश किया है। हम लोग भी लद्दाख(Ladakh) घूमने के लिए श्रीनगर(Srinagar) से सड़कमार्ग द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या - 1(NH - 1) से होते हुए यहाँ पहुँचे। लद्दाख(Ladakh) का मौसम बहुत साफ, चमकीला और आसमान का रंग चटक नीला था। यहाँ के पहाड़ सूखे और पथरीले थे। पहाड़ों का रंग भी अलग अलग था। अत्यधिक ऊँचाई पर होने के कारण कुछ स्थानों पर ऑक्सीजन का स्तर(Oxygen Level) बहुत कम हो जाता है। 'जुले'(Julley) यानी स्थानीय भाषा में नमस्कार से स्वागत करता लद्दाख(Ladakh) यहाँ आने वालों लोगों को एक अलग तरह का अनुभव देता है। 

हम लोग लद्दाख(Ladakh) बहुत अच्छे तरह से घूमे और यहाँ के संस्कृति का अनुभव किया। वैसे तो मैंने भारत के अनेक स्थानों को देखा है लेकिन मुझे लद्दाख(Ladakh) सबसे अलग और अनूठा लगा। यहाँ का खानपान, पहनावा, भाषा, मठ, बाजार, मौसम और प्राकृतिक नज़ारे इत्यादि सब कुछ बेहद दिलचस्प हैं। लद्दाख(Ladakh) के कुछ मुख्य स्थानों के बारे में बता रहा हूँ - 

कारगिल (Kargil)
कारगिल(Kargil) लेह(Leh) के बाद लद्दाख(Ladakh) का दूसरा बड़ा शहर है जो पश्चिमी भाग में स्थित है। यह सुरु नदी(Suru River), द्रास नदी(Dras River) और जांस्कर नदी(Zanskar River) की घाटी में बसा हुआ है। कारगिल(Kargil) से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या - 1(NH - 1) गुजरती है। कारगिल(Kargil) में ज़ोजिला(Zoji La), फोटुला(Fotu La) और नामिकाला(Namika La) मुख्य दर्रे(Mountain Passes) हैं। वर्ष 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने  कारगिल(Kargil) के इलाके में पहाड़ों पर अवैध रूप से कब्ज़ा करके राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या - 1(NH - 1) पर जाने वाले सेना के वाहनों पर हमला किया था। जिसे बाद में भारतीय सेना(Indian Army) ने ऑपरेशन विजय(Operation Vijay) के द्वारा अपने असीम शौर्य से वापस छीन लिया था। भारत के सैनिकों के अदम्य साहस की याद में कारगिल(Kargil) के द्रास(Dras) में वॉर मेमोरियल(War Memorial) बनाया गया है। 

नुब्रा वैली (Nubra Valley)
लद्दाख(Ladakh) के उत्तरी भाग में बसी नुब्रा घाटी(Nubra Valley) में पहुँचने के लिए खारदुंगला दर्रे(Khardung La) को पार करना पड़ता है। खारदुंगला(Khardung La) दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे ऊँचा सड़कमार्ग(Second Highest Motorable Place of World) है। यहाँ ऑक्सीजन का स्तर(Oxygen Level) बहुत कम रहता है। नुब्रा घाटी(Nubra Valley) के पास ही दुनिया का सबसे ऊंचाई का युद्ध स्थल सियाचिन ग्लेशियर(Siachen Glacier) है। नुब्रा घाटी(Nubra Valley) में बहने वाली दो नदियां श्योक नदी(Shyok River) और नुब्रा नदी(Nubra River) है। इन नदियों के कारण ही नुब्रा घाटी(Nubra Valley) हरा भरा है। यहाँ छोटे बड़े कई गाँव बसे हैं जिनमे सबसे पुराना गाँव दिस्कित(Diskit) है। दिस्कित(Diskit) में एक बहुत सुन्दर बौद्ध मठ(Monastery) है। मठ(Monastery) के पास पहाड़ पर भगवान बुद्ध की एक बहुत बड़ी मूर्ति स्थापित है जो सैलानियों में बेहद लोकप्रिय है। यहाँ से श्योक नदी(Shyok River) और उसकी घाटी(Valley) का बढ़िया नज़ारा दिखता है। नुब्रा घाटी(Nubra Valley) में रेत के टीलों(Sand Dunes) के ऊपर ए.टी.वी राइड(ATV Ride or All Terrain Vehicle Ride) भी होता है जो बहुत ही रोमांच से भरपूर होता है। 

हुन्डर (Hunder)
नुब्रा घाटी(Nubra Valley) का दूसरा बड़ा गाँव हुन्डर(Hunder) है। यह एक ठंडा रेगिस्तान(Cold Desert) है। हुन्डर(Hunder) में दो कूबड़ वाले ऊंट(Double Hump Camel) पाए जाते हैं। रेत के टीलों(Sand Dunes) पर इन दो कूबड़ वाले ऊँटों(Double Hump Camel) की सवारी करना एक बहुत बेहतरीन अनुभव था। एक लाइन से चलते इन ऊँटों को देखना बहुत अच्छा लग रहा था। दो कूबड़ वाले ऊँटों(Double Hump Camel) की सवारी करने के बाद श्योक नदी(Shyok River) में पैर डाल कर बैठने से हुन्डर(Hunder) की यात्रा का थकान मिट गया था। रात में हम लोग हुन्डर(Hunder) में ही रुके थे।

पैंगोंग त्सो(Pangong Tso)
नुब्रा घाटी(Nubra Valley) से हम लोगों को लद्दाख(Ladakh) के प्रसिद्ध पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) झील(Lake) देखने जाना था। झील(Lake) को स्थानीय भाषा में 'त्सो'(Tso) कहा जाता है। नुब्रा घाटी(Nubra Valley) से कुछ दूर चलने पर पता चला कि आगे का रास्ता बारिश के कारण खराब हो गया है जिसकी वजह से बंद है। अब हम लोगों को पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) जाने के लिए दूसरे रास्ते से जाना था जिसके लिए अतिरिक्त 80 किलोमीटर की दूरी बढ़ गया। रास्ते में वारीला(Wari La) दर्रा(Mountain Pass) पड़ता है जो बहुत ऊँचाई पर है। आस पास के पहाड़ों पर बर्फ भी दिख रहे थे। पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) का रास्ता बहुत रोमांच भरा(Thrilling) और साहसिक(Adventurous) है। रास्तों के बीच में कई स्थानों पर नदियों की धाराएँ बहती है जहाँ अक्सर गाड़ियाँ फँस जाती हैं। हमारी भी गाड़ी कई जगह बहुत मुश्किल से पार हुई। करीब 10 घंटे के लंबे सफर के बाद हम लोग पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) पहुँचे। यह चारों ओर से घिरी हुई एक बहुत बड़ी झील थी। आसमान साफ होने से इस झील का का पानी नीला दिख रहा था। हम लोग पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) के किनारे टेंट(Tent) में रुकने वाले थे। झील के पास जाकर हम लोगों ने इसे करीब से देखा। इसका पानी बहुत साफ था। हम लोगों ने यहाँ मोबाइल से बहुत सारे फोटो खींचे। पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) का पानी खारा और बहुत ठंडा था। झील के दूसरी ओर चीन के कब्जे वाला अक्साई चीन है । पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) के किनारे टेंट में रात गुजारना बहुत अच्छा लगा। 

लेह (Leh)
लद्दाख(Ladakh) की राजधानी लेह(Leh) सिंधु नदी(Indus River) के किनारे बसी हुई है। यह चारों ओर से पहाड़ों से घिरा एक बेहद सुन्दर शहर है। लेह(Leh) में घूमने के बहुत सारे स्थान है जिनमें हॉल ऑफ फेम(Hall of Fame), स्पितुक मठ(Spituk Monastery), सिंधु नदी और जांस्कर नदी का संगम(Indus River and Zanskar River Sangam), थिकसे मठ(Thiksey Monastery), बॉलीवुड फिल्म 3 इडियट्स(3 Idiots)में दर्शाए स्कूल ड्रक वाइट लोटस स्कूल(Druk White Lotus School), मैग्नेटिक हिल(Magnetic Hill), गुरुद्वारा पत्थर साहिब(Gurudwara Pathar Sahib) और शांति स्तूप(Shanti Stupa) मुख्य है। लेह का बाजार(Leh Market) भी घूमना अच्छा लगा। 

लद्दाख(Ladakh) की हमारी यह यात्रा कई मायनों में बहुत अविस्मरणीय रही। यहाँ की संस्कृति से हम सभी बहुत प्रभावित हुए। लद्दाख(Ladakh) के सभी दर्शनीय स्थल बहुत खास हैं। यहाँ के मौसम में ताज़गी है। यहाँ के लोग और उनकी भाषा दिलचस्प है। लद्दाख(Ladakh) की यात्रा रोमांच से भरपूर है। जब भी लद्दाख(Ladakh) आने का मौका मिले यहाँ जरूर आइये। 

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लद्दाख में ये करना ना भूलें  : हुन्डर में दो कूबड़ वाले ऊँट की सवारी, नुब्रा घाटी में ए.टी.वी राइड, विभिन्न मोनेस्टरी को देखना,  लेह के लोकल मार्केट में शॉपिंग, पैंगोंग त्सो में कैंप में रुकना, फोटोग्राफी।  
लद्दाख कैसे पहुँचे  : निकटतम हवाई अड्डा लद्दाख की राजधानी लेह में है। सड़कमार्ग से लद्दाख पहुँचने के दो रास्ते हैं। श्रीनगर से  राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या - 1(NH-1) से लद्दाख आ सकते हैं। दूसरा रास्ता मनाली से लद्दाख आने का है। दोनों ही रास्ते बहुत सुन्दर और रोमांच से भरपूर हैं। लद्दाख अभी रेलमार्ग से नहीं जुड़ा हुआ हैं।   
लद्दाख जाने सबसे अच्छा समय : लद्दाख घूमने का सबसे अच्छा समय गर्मियों में अप्रैल से जुलाई तक का हैं। 
लद्दाख जाने में लगने वाला समय  : 7 दिन / 6 रात













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