गुलमोहर का वह पेड़ (That Flame Tree-Hindi Blog)

यह कहानी मेरे और गुलमोहर के उस पेड़(Gulmohar Tree) की है जिसे मैंने अपने कार्यालय के परिसर में बड़े प्यार से लगाया था।  यूँ तो मेरे विभाग केंद्रीय वस्तु और सेवा कर तथा सीमा शुल्क में समाज और पर्यावरण के पार्टी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का मौका हमेशा मिलता रहता है जैसे बाढ़ राहत कार्य, स्वच्छता अभियान, कोरोना में प्रवासी मज़दूरों की सहायता और वृक्षारोपण के कार्यक्रम। लेकिन कोल्हापुर आयुक्तालय के अधिकार क्षेत्र में उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में ऐसे कार्यक्रम खासकर वृक्षारोपण के कार्यक्रम हमेशा चलते ही रहते हैं जैसे ये हमारी जीवन शैली का हिस्सा हो।

यह जनवरी 2019 की बात है। ऐसे ही वृक्षारोपण के एक कार्यक्रम में केंद्रीय जीएसटी सांगली मंडल कोल्हापुर आयुक्तालय जो की मेरा कार्यस्थल भी है हम सभी ऑफिस सहकर्मियों को अनेकों पौधे लगाने का मौका मिला।  बहुत सारे पौधों के बीच मैं पहली बार इस गुलमोहर के पौधे(Gulmohar Plant) से मिला। गुलमोहर के पौधे(Gulmohar Plant) को अंग्रेजी में फ्लेम ट्री(Flame Tree) या रॉयल पॉइनसाना(Royal Poinciana) और वैज्ञानिक नाम डेलोनिक्स रेजिआ(Delonix Regia) है। मुझे गुलमोहर का पौधा(Gulmohar Plant) बचपन से ही अपने ओर आकर्षित करता रहा है।  इसका कारण है इसका केसरी रंग।  हल्के हरे रंगों की पत्तियों के बीच में खिले केसरी रंग के ये फूल मानो आँखों को सुकून देने के लिए ही बने हैं।  गुलमोहर के पौधे(Gulmohar Plant) को देख ऐसा लगा जैसे पौधे ने मुझे चुना हो अपने नए स्थान पर स्थापित करने के लिए।

इस छोटे से पौधे को नवजीवन देने के लिए मन में बेहद ख़ुशी थी। पौधे के लिए गड्ढा खोदना हो, पौधा लगाना हो या फिर मिट्टी डालकर पानी से सींचना सभी कुछ अच्छा लग रहा था।  गुलमोहर के पौधे(Gulmohar Plant)  को अच्छे से लगाकर मैंने पर्यावरण के प्रति अपने कर्तव्यों का एक हिस्सा पूरा किया लेकिन काम अभी अधूरा था। पौधा लगाना  आसान है लेकिन सबसे ज़रूरी काम है उसकी निगरानी करना। यह मुख्य काम हम अक्सर भूल ही जाते हैं।  पौधे लगा कर सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर साझा करके अपने कर्तव्यों को पूरा होना मान लेते हैं।  ज़रूरत इस बात की है कि हम उन पौधों की निगरानी  भी करें।

यह सितंबर 2020 का महीना है। गुलमोहर का वह पौधा(Gulmohar Plant) कार्यालय के कर्मचारिओं के अच्छे देखरेख के कारण बहुत अच्छी अवस्था में हैं। कार्यालय परिसर के मुख्य द्वार पर सबके स्वागत में हमेशा तैयार दिखता है। मैं जब भी कार्यालय में प्रवेश करता हूँ मेरी नज़र गुलमोहर के उस पौधे(Gulmohar Plant) पर ज़रूर पड़ता हैं।  ऐसा लगता हैं जैसे हम दोनों मुस्कुरा कर एक दूसरे का अभिवादन कर रहे हों।  समय के साथ विभाग में जैसे मैं नए अनुभवों को प्राप्त कर रहा हूँ वैसे ही यह पौधा नयी ऊँचाइयों को छूने को बढ़ चला है।  गुलमोहर का यह पौधा(Gulmohar Plant) मेरी लम्बाई से काफी बड़ा हो गया है लेकिन उसकी बढ़ती लम्बाई मुझे आत्मसंतुष्टि दे रही है।  उम्मीद और पूरा भरोसा भी है कि  कुछ वर्षों में यह पौधा पेड़ बनकर कार्यालय परिसर की सुंदरता में चार चाँद लगाएगा।

प्रकृति, पर्यावरण और समाज के अंतिम पायदान के लोगों के प्रति हमारे दायित्वों से लगाव हम सभी को हो सकता है बशर्ते हम खुद आगे बढ़कर ऐसे कार्यक्रमों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें। यकीं मानिये आप को इतनी आत्मसंतुष्टि मिलेगी जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। गुलमोहर का वह पेड़ इसका जीता जगता उदाहरण है।

गुलमोहर का पेड़(Gulmohar Tree Plantation)



विभाग के उच्च अधिकारीयों का मार्गदर्शन(Our Source of Inspirations)



पेड़ पौधों के प्रति मेरा लगाव दिखाता मेरे घर का एक कोना(Beautiful Corner of my House)






बाढ़ राहत, कोरोना काल में सहायता और स्वच्छ भारत अभियान(Relief Activities)




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