विसापुर मानसून ट्रैक : झरनों में पथरीला रास्ता (Visapur Monsoon Trek - Hindi Blog)


विसापुर का ट्रैक(Visapur Trek) एक मानसून ट्रैक है जो महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 63 किलोमीटर और मुंबई से 98 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिमी घाट (Western Ghats) की पहाड़ियों के मध्य में है। सड़क मार्ग से आसानी से यहाँ पहुँचा जा सकता है।  इस ट्रैक में पहाड़ो के ऊपर मराठा साम्राज्य(Maratha Empire) के द्वारा बनाये गये किले(Visapur Fort) तक जाना होता है।  

हम 5 दोस्त सुबह 8 बजे पुणे से अपने कार से विसापूर ट्रेक(Visapur Trek) के लिए निकले।  यह जुलाई का महीना था और मानसून (Monsoon ) की बारिश अपने चरम पे थी जो पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में अत्यधिक होती है। अपने कार के म्यूज़िक सिस्टम में बजते जोशीले गानों को सुनते गाते हम लोग बेहद ही खूबसूरत सड़कों पे चले जा रहे थे। करीब 3 घंटे की ड्राइव के बाद हम लोग उस जगह पहुंचे जहाँ से पहाड़ी रास्ता शुरू होता है।  आगे का रास्ता काफी ऊँचा और घुमावदार था जिस पर गाड़ी चलना बहुत की कठिन था।  खैर कैसे भी हम लोग पहाड़ पर काफी ऊपर तक अपने कार से आये लेकिन आगे का रास्ता अनुकूल न होने के कारण हम लोगो ने कार को रास्ते में खड़ा करके पैदल ही आगे जाने का सोचा जैसा बाकी के लोग भी कर रहे थे।

तेज़ बारिश में पश्चिमी घाट(Western Ghats) के हरे भरे पहाड़ों पर ट्रैकिंग करना बेहद ही रोमांचक और सुखद होता है। उबड़ खाबड़ रास्ते को पार करते हुए हम लोग उस स्थान पर पहुंचे जहाँ से विसापूर किले(Visapur Fort) वाला पहाड़ दिखने लगा था। यह बहुत ही ऊँचा और सीधी चढ़ाई वाला पहाड़ था। यह हरे पेड़ों से भरा हुआ था और कई सारे झरनों के गिरने के कारण बहुत ही अच्छा लग रहा था। पास में ही रोड के किनारे स्थानीय लोगों ने छोटे छोटे अस्थाई दुकान खोल रखे थे जहाँ चाय, मैगी, आमलेट और मक्के का भुट्टा मिल रहा था। एक तो इतना अच्छा मौसम, खूबसूरत वादियाँ और पैदल चलने के वजह से लगने वाला भूख, चाहे जो भी कारण  हो, मैगी और चाय इतना स्वादिष्ट  कभी नहीं लगा जैसा यहाँ लगा।

खाने पीने के बाद जोश से लबरेज़ होकर हम लोग वहाँ से आगे की ओर बढ़े।  यह रास्ता मिट्टी का था जो बारिश की वजह से ख़राब था जो मानसून ट्रैकिंग(Monsoon Trekking) में बहुत ही आम है। रास्ते के दोनों ओर  घने जंगल थे।  जंगल के अंदर मुख्य रास्ते से दूर पहाड़ों से कई झरने गिर रहे थे जिसकी आवाज़ बहुत ही अच्छी लग रही थी।  हम लोग आगे बढ़ ही रहे थे कि पहाड़ों के बीच से एक बहुत ही खूबसूरत सा झरना दिखा जो हमारे मुख्य मार्ग से दूर घने जंगलों में था जहाँ आम तौर पर कोई जाता नहीं था। इस झरने की खूबसूरती की वजह से हम लोग अपने आप को रोक न सके और जंगल में रास्ता बनाते हुए उस ओर बढ़े। काँटों वाले पेड़, तेज़ बारिश, बड़े पत्थरों वाले मुश्किल रास्तों को पार करते हुए हम लोग 15 मिनट में उस झरने के पास पहुंचे।  चट्टानों और हरे पेड़ों के बीच से घिरना हुआ निर्मल ठंडा पानी और पानी के नीचे गिरने की मधुर आवाज़, वाह, क्या बढ़िया नज़ारा था।  ऐसे सुन्दर दृश्य  को या तो दीवारों पे लगने वाले तस्वीरों में देखा था या बचपन में चित्रकारी करते समय अपने ख़यालों द्वारा गढ़ते प्रकृति को।  हम लोग उस झरने में खूब नहाये।  30 मिनट तक मौज़ मस्ती करने के बाद हम लोग वापस मुख्य रास्ते आकर आगे बढ़े।

थोड़ी देर बाद हम उस जगह पहुंचे जहाँ से किले कि ओर ऊपर सीधी चढ़ाई थी। आगे का रास्ता देख कर हम लोग बहुत हैरान थे क्योंकि यह कोई रास्ता नहीं बल्कि दो पहाड़ों के बीच की जगह थी जो बड़े बड़े पत्थरों से भरी थी और पहाड़ों के ऊपर से आने वाले पानी के कारण झरने के रूप में थी।  यह ट्रेक इसी रास्ते के लिए प्रसिद्ध है। हम लोग धीरे धीरे एक एक पत्थर पर पैर जमाते हुए ऊपर चढ़ने लगे।  तेज़ बारिश में सामने से आते हुए झरने के पानी को अपने मज़बूत इरादों से चीरते हुए एक दूसरे को सपोर्ट करते हुए हम आगे बढ़ रहे थे। पूरा रास्ता ही बहुत दुर्गम था। मानसून की ट्रैकिंग में एक बहुत बड़ी मुश्किल यह आती है कि बारिश के कारण पत्थरों पे काई जमने से फिसलन हो जाती है। एक छोटी सी चूक आपको घायल कर सकती थी लेकिन इन रास्तों पर चलने का अपना ही मज़ा है। करीब 1.5 घंटे की कठिन चढ़ाई के बाद हम लोग पहाड़ के ऊपर पहुंचे। किला होने की वजह से पहाड़ के ऊपर का सतह सीधा था। ऊपर से खाई और घाटी को देखना बहुत ही अच्छा लग रहा था। चारो तरफ हरियाली और झरने दिख रहे थे। तेज़ बारिश और ऊंचाई के कारण बादल पहाड़ को कभी कभी घेर ले रहा था।

पहाड़ के ऊपर किले के पास एक पानी का कुंड भी था। हम लोगो ने उस कुंड में खूब डुबकी लगाई।  पानी बेहद ही ठंढा था लेकिन हमारे जोश के कारण यह कोई रुकावट का कारण नहीं था।  ऊपर से गिरती बारिश की बूंदों और प्राकृतिक माहौल ने कुंड में नहाने का मज़ा दुगना कर दिया था।  अच्छी बात ये थी की ऐसे दुर्गम पहाड़ के ऊपर भी पास के गांव के कुछ लोग चाय पिला रहे थे। चाय पीने  के बाद शरीर में कुछ गर्मी आयी और अब हम लोग नीचे उतरने के लिए तैयार थे।  पहाड़ों पे ऊपर  चढ़ने से कही ज्यादा कठिन नीचे उतरना होता है।  हम लोग धीरे धीरे पत्थरों पर पैर को मज़बूती से टिकाते हुए नीचे उतरने लगे। ऐसे पहाड़ों में कभी भी उतरने में जल्दीबाज़ी नहीं करना चाहिए बल्कि धैर्य के साथ आराम से सटीकता के साथ पैरों को फिसलने से रोकते हुए चलना चाहिए।

एक घंटे में हम लोग वापस नीचे घाटी में थे।  भूख जोरो की लगी थी। पास में ही एक ढाबा था वहाँ  पे हम लोगों ने जुनका भाखरी नाम का एक महाराष्ट्रियन भोजन किया।  जुनका बेसन की एक खास स्वादिष्ट सब्जी होती है जो विभिन्न प्रकार के मसालों में बनी होती है और भाखरी ज्वार-बाजरे की रोटी होती है।  खाने के बाद हम लोग वापस उस ओर चले जहाँ हमारी कार पार्क थी। कार में रखे अपने सूखे कपड़ो को पहन कर  वापस अपने घर की तरफ निकले।

शाम ढलने लगी थी।  शरीर थोड़ा थका था और नुसरत फ़तेह अली खान की सुरीले ग़ज़लों को सुनते हुए हमारी कार आगे बढ़ी जा रही थी।

**********

कठिनाई स्तर  : आसान
 धैर्य स्तर  : निम्न
 ट्रैकिंग समय  लगभग 4 घंटे।
 विसापूर किला कैसे पहुंचे मुंबई से 98 और पुणे से 63 किलोमीटर दूर यहाँ कार से पहुंच सकते है। 
 विसापूर किला ट्रेक पर जाने सबसे अच्छा समय : जुलाई से अक्टूबर ( मानसून के बारिश के वक़्त )
➝ विसापूर किला ट्रेक पर जाने में लगने वाला समय  : 1 दिन का
 विसापूर किला ट्रेक पर ले जाने वाली अनिवार्य सामान  : ट्रैकिंग शूज, अतिरिक्त सूखे कपड़े , तौलिये , ग्लूकोस युक्त पानी की बोतल, कैमरा , मोबाइल को भीगने से बचाने के लिए प्लास्टिक कवर,  दर्द  निवारक  स्प्रे, स्नैक्स।









Video Links Below 

1. Jungle at Visapur Trek
2. Shower under Waterfall
3. Full Masti with Friends under Waterfall
4. Incredible Beauty of Western Ghats
5. Hill Top View
6. Pond on the Top of Hill
7. The Conquerors


Blogger Name: Pramod Kumar Kushwaha
For more information & feedback write email at : pktipsonline@gmail.com



इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कश्मीर : धरती का स्वर्ग (Trip to Kashmir : Paradise on Earth - Hindi Blog)

मालवण : सिंधुदुर्ग की शान ( Trip to Malvan - Hindi Blog )

महाबलेश्वर और पंचगनी : एक प्यारा सा हिल स्टेशन (Trip to Mahabaleshwar & Panchgani - Hindi Blog)

समुद्र में मोती : अंडमान निकोबार द्वीप समूह की यात्रा (Andaman Trip - Hindi Blog)

श्रीनगर : एक खूबसूरत शाम डल झील के नाम (A Memorable Evening in Dal Lake Srinagar - Hindi Blog)

चित्रकूट : जहाँ कण कण में बसे हैं श्रीराम (Trip to Chitrakoot - Hindi Blog)

प्राचीन गुफाओं और मंदिरों का शहर : बादामी, पट्टदकल और ऐहोले (Trip to Badami, Pattadkal & Aihole - Hindi Blog)

ऊटी और कुन्नूर : नीलगिरी का स्वर्ग (Trip to Ooty & Coonoor - Hindi Blog)

कास पठार : महाराष्ट्र में फूलों की घाटी (Trip to Kaas Plateau : Maharashta's Valley of Flower-Hindi Blog)

पालखी : पंढरपुर की धार्मिक यात्रा(Palkhi Yatra to Pandharpur - Hindi Blog)