शनि शिंगणापुर मंदिर
शनि शिंगणापुर मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिला के शिंगणापुर गाँव में स्थित है। खुले आसमान के नीचे स्थापित यह मंदिर शनि भगवान को समर्पित है। शिंगणापुर को शनि भगवान का जन्म स्थान भी माना जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान सूर्य के पुत्र और मृत्यु के देवता यम के भाई शनि भगवान को न्याय का देवता माना जाता है। साईं भगवान के प्रसिद्ध मंदिर शिरडी से शनि सिंगणापुर की दूरी मात्र 70 किलोमीटर है। शिरडी जाने वाले लोग शनि शिंगणापुर मंदिर जरुर जाते हैं। शनि शिंगणापुर मंदिर पुणे, नाशिक, अहमदनगर और मुंबई से सड़कमार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि को सबसे धीमी गति वाला ग्रह माना जाता है। इनका किसी भी राशि में निवास करीब 2.5 वर्ष का होता है। ऐसा मान्यता है कि शनि भगवान सभी के अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब उसके जीवन काल में ही काफी बारीकी से करते हैं। बुरे कर्म करने वालों लोगों पर शनि की वक्र दृष्टि हमेशा पड़ी रहती है लेकिन अच्छे कर्म करने वाले लोगों पर शनि देव की शुभ दृष्टि बनी रहती है। शनि शिंगणापुर मंदिर में स्वंभू शनि भगवान एक बड़े काले रंग के शिला के रुप में विराजमान है। यहाँ श्रद्धालुओं द्वारा लगातार उनके ऊपर तिल और सरसों का तेल चढ़ाया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बहुत पुराने समय में बाढ़ में बहकर यह शिला शिंगणापुर गाँव पहुँची थी। तब कुछ चरवाहों ने इस शिला को देखा। जब उन चरवाहों ने एक बड़े लकड़ी के डंडे से उस शिला को हिलाने की कोशिश किया तब उस शिला में से खून बहने लगा। उसी रात्रि में उनमें से एक चरवाहे के सपने में शनि भगवान ने आकर इस शिला को स्थापित करने को कहा। इस मंदिर की एक मान्यता यह भी है की मामा भांजे साथ में दर्शन करने जाए तो ज्यादा लाभ मिलता है। ऐसा इसलिए की शिला को बाढ़ से निकाल कर वर्तमान जगह पर स्थापित करने वाले मामा और भांजे थे। जन श्रुतियों के अनुसार शनि शिंगणापुर मंदिर में शनि भगवान का दर्शन करके जब वापस आते है तो पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए जबतक मंदिर से बाहर ना आ जाएँ।
शिंगणापुर गाँव एक और बात के लिए प्रसिद्ध है। वह यह कि इस गाँव में लोगों के घरों में दरवाज़े नहीं लगे हुए हैं। गाँव के निवासिओं का मानना है की स्वयं शनिदेव इस गाँव की रक्षा करते हैं और यहाँ चोरी नहीं होती है। वैसे तो शनि शिंगणापुर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा रहती है लेकिन शनिवार के दिन विशेषकर शनि अमावस्या के दिन यहाँ का वातावरण बहुत भव्य होता है।
शिरडी से शनि शिंगणापुर मंदिर जाने का रास्ता काफी अच्छा और हरा भरा है। यहाँ सड़क के किनारे लकड़ी के कोल्हू में बैलों द्वारा निकाले जाने वाला स्वादिष्ट गन्ने का जूस पीना बहुत अच्छा लगा। अगर आप शिरडी में साईं बाबा के दर्शन करने जा रहे हैं तो शनि शिंगणापुर मंदिर भी जरुर जाइये। ॐ शं शनैश्चराय नमः।
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