भारत के साँपों की रोचक जानकारी(Interesting Information on Snakes of India- Hindi Blog)

साँपों या सर्पों(Snake) की दुनिया रोचक होने के साथ ही अद्भुत जानकारियों से भरी पड़ी है। आम इंसानों में साँपों के बारे में जानकारी का अभाव, अशिक्षा और अंधविश्वास के कारण लोग साँपों(Snakes) से डरते हैं और इनकों अपना शत्रु मानने लगते हैं जबकि वास्तविकता यह है कि साँप पर्यावरण के मित्र(Eco Friend) हैं। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 58000 लोग सर्पदंश(Snake Bite) से अपनी जान गवांते हैं।  इन मौतों में एक बड़ी संख्या उन लोगों की है जो समय से अस्पताल नहीं जा पाते या फिर अशिक्षा की वजह से अस्पताल न जाकर तांत्रिकों या ओझा के पास चले जाते हैं। 

अगर हम भारत के परिदृश्य में देखें तो यहाँ पाए जानेवाले साँपों(Snakes)  में अधिकतर साँप विषहीन होते हैं।  मेरे इस आलेख का मुख्य उद्देश्य भारत में पाए जाने वाले विषैले(Venomous) और विषहीन(Non Venomous) साँपों की जानकारी आसान शब्दों में साझा करना है। इन जानकारियों के होने से हम साँपों के अद्भुत संसार को समझ भी सकेंगे और जरुरत पड़ने पर सर्पदंश की स्थिति में किसी की जान भी बचा सकेंगे। इसके साथ ही लोगों में ये जागरूकता भी फैला सकेंगे कि कैसे ये साँप पर्यावरण के साथ साथ किसानों के भी परम मित्र हैं। 

विषैले साँप(Venomous Snakes of India )
भारत में मुख्य रूप से चार विषैले साँप(Venomous Snakes) पाए जाते हैं जिसके बारे में नीचे विस्तार से बता रहा हूँ :

भारतीय नाग(Indian Spectacled Cobra)
भारतीय नाग(Indian Spectacled Cobra) जिसका वैज्ञानिक नाम नाज़ा नाज़ा (Naja Naja) है तथा उत्तर भारत में इसे गेहुंवन के नाम से भी जाना जाता है। इसमें न्यूरोटोक्सिन (Neurotoxin) ज़हर पाया जाता हैं। इसके काटने से तंत्रिका तंत्र(Neuro System) काम करना बंद कर देता है और समय से सही इलाज ना मिले तो शरीर लकवाग्रस्त हो जाता है और अंततः इंसान की मृत्यु हो जाती है। भारत में सर्पदंश से हुए मौतों में सबसे ज्यादा संख्या इसी साँप के काटने से होती है।  इसका मुख्य आहार चूहा है जिसको खोजते हुए यह साँप इंसानी बस्तियों में आ जाता है।  चूँकि यह चूहों को खा कर इनकी संख्या काम करता है इसलिए यह फसलों को नष्ट होने से बचाता है। हिन्दू धर्म में भारतीय नाग(Indian Spectacled Cobra) को पूजनीय माना गया है और यह भगवान शिव के गले में विराजमान नज़र आता है।  सर्पदंश की स्थिति में तुरंत अस्पताल जाइये। 

रसेल वाईपर (Russel Viper)
रसेल वाईपर(Russel Viper) का वैज्ञानिक नाम डोबिआ रसेली (Dobia Russelli) है। बंगाल और उड़ीसा में इसे चन्द्रबोड़ा तथा महाराष्ट्र में घोणस के नाम से जाना जाता है। इसमें हीमोटोक्सिन (Hemotoxin) ज़हर पाया जाता हैं।इसके काटने से खून के ऊतक (Blood Tissue) नष्ट होने लगते हैं और सूजन होने के साथ काटे गए अंग में सड़न होने लगता है। समय पर अस्पताल न पहुंचने से अंततः इंसान की मृत्यु हो जाती है। यह बहुत गुस्सैला साँप है और खतरा नज़र आनेपर कुकर की सीटी(Cooker Whistle) की तरह आवाज़ निकालता है। इसकी शारीरिक बनावट बहुत आकर्षक है और इसका मुँह तिकोने आकार का होता है। यह अज़गर की तरह दिखता है जिसकी वजह से लोग इसको विषहीन समझ कर पकड़ने की कोशिश करते हैं और जान गवां देते हैं। इसका विषदंत बहुत बड़ा होता है। मादा रसेल वाईपर(Female Russel Viper) साँप अन्य साँपों की तरह अंडे न देकर सीधे बच्चे को जन्म देती है। सर्पदंश की स्थिति में तुरंत अस्पताल जाइये। 

करैत(Common Krait)
करैत(Common Krait) का वैज्ञानिक नाम बुंगारूस केरुलोस(Bungarus Caeruleus) है। इसको बंगाल में शंखचिति और महाराष्ट्र में मन्यार के नाम से जाना जाता है। यह भारत का सबसे घातक साँप है। इसमें न्यूरोटोक्सिन (Neurotoxin) ज़हर पाया जाता हैं। यह साइलेंट किलर (Silent Killer) के नाम से प्रचलित है क्योंकि इसके विषदंत बहुत बारीक होने के कारण काटने से दर्द नहीं होता और पता न चलने के कारण इंसान की मृत्यु हो जाती है। यह ज्यादातर रात के समय में सक्रिय होता है और दूसरे प्रजाति के साँपों को खाता है। यह अक्सर इंसानों के बिस्तर पर चढ़ जाता है या अन्य ठंडे स्थान जैसे स्नानघर, टॉयलेट या खिड़कियों  में छिप जाता है। सर्पदंश की स्थिति में तुरंत अस्पताल जाइये। 

किंग कोबरा(King Cobra)
किंग कोबरा (King Cobra) या नागराज का वैज्ञानिक नाम ओफिओफॉगस हन्नाह (Ophiophagus Hannah) है। यह दुनिया का सबसे लम्बा जहरीला साँप है जिसकी औसतन लम्बाई लगभग 6 मीटर तक होती है। इसमें न्यूरोटोक्सिन (Neurotoxin) ज़हर पाया जाता हैं। यह साँप मुख्यतः भारत के दक्षिणी भाग में पाया जाता है। खतरे की स्थिति में यह तेज़ फ़ुफ़कार की आवाज़ निकलता है। इसका मुख्य आहार छोटे साँप, चूहा, पक्षी, छिपकली तथा अन्य छोटे जीव हैं। सर्पदंश की स्थिति में तुरंत अस्पताल जाइये। 

विषहीन साँप(Non-Venomous Snakes of India )
अगर हम विषहीन साँपों(Non Venomous) की बात करे तो भारत में इनकी संख्या विषैले साँपों की संख्या में ज्यादा है। भारत के मुख्य विषहीन साँपों के बारे में जानकारी नीचे विस्तार से दी गयी है :

धामिन(Indian Rat Snake)
धामिन(Indian Rat Snake) या धामन साँप का वैज्ञानिक नाम पाइयस मुकोसा (Ptyus Mucosa) है। यह विषहीन साँप अक्सर मानव बस्तियों के पास दिख जाता है। लंबे आकार का यह साँप बहुत फुर्तीला होता है और पेड़ों पर बहुत तेज़ी से चढ़कर पक्षियों के अंडे और छोटे बच्चों को खा जाता है। इसका अन्य भोजन चूहा, मेंढक और छोटे जीव है। धामिन साँप के बारे में  बारे में दो भ्रांतियाँ प्रचलित है।  एक तो यह है कि धामिन साँप(Indian Rat Snake) इंसानों पर अपने पूंछ से हमला करता है।  हमले में शरीर का जो भी भाग पूंछ से छू जाता है वह अंग काम करना बंद कर देता है और सड़ जाता है। यह गलत धारणा है। दूसरा यह कि धामिन साँप(Indian Rat Snake) गाय या भैंस के पैर को जकड़कर उसका दूध पी जाता है। यह धारणा भी गलत है क्योंकि साँप का जीभ दो हिस्सों में फटा हुआ होता है और वह दूध चूसकर पी नहीं सकता है।

अज़गर(Indian Rock Python)
अज़गर (Indian Rock Python) का वैज्ञानिक नाम पाइथन मोलूरस (Python Molurus) है। यह विषहीन साँप बहुत ही सुस्त होता है। इसका आकार बड़ा और लम्बाई लगभग 3 मीटर तक की होती है। इसका मुख्य आहार पक्षी और छोटे जीव है। यह अपने शिकार को जकड़कर उसका दम घोट देता है। इसका जबड़ा बहुत शक्तिशाली होता है। अन्य साँपों के अपेक्षाकृत यह शांत होता है और इंसानी बस्तियों से दूर जंगलों और पहाड़ों में ही रहता है। अज़गर को तैरने में भी महारत हासिल होती है और यह नदी के किनारे कीचड़ में भी रहना पसंद करता है। 

जल सर्प(Keelback Water Snake)
जल सर्प (Water Snake) या कीलबैक वाटर स्नेक(Keelback Water Snake) का वैज्ञानिक नाम जैनोक्रोफिस पिस्काटर (Xenochrophis Piscator) है। इस साँप में ज़हर बिलकुल भी नहीं होता है लेकिन स्वभाव में यह साँप बहुत ही गुस्सैल प्रवृति का होता है।  इसके दाँत बहुत तेज़ और नुकीले होते हैं और यह बहुत जल्दी काटता है।  इसके काटने पर बहुत गहरा जख्म हो जाता है। यह पानी में रहता है और इसका मुख्य आहार मछली और मेढक है। यह अक्सर तालाब, नदी के किनारों और कुओं में रहता है।  यद्यपि यह विषहीन होता है लेकिन इससे दूर ही रहना चाहिए क्योंकि यह आपको भयानक जख्म दे सकता है। 

बोआ(Boa Snake or Red Sand Boa Snake)
बोआ(Boa Snake) साँप या रेड सैंड बोआ सॉंप(Red Sand Boa Snake) का वैज्ञानिक नाम बोआ कॉन्सट्रिक्टर (Boa Constrictor) है। यह ज्यादातर राजस्थान के थार मरुस्थल के पाए जाते हैं।  इसे दोमुँहा साँप (Double Mouth Snake)  भी कहते हैं क्योंकि इसकी पूंछ मुँह की तरह दिखाई देता है। यह एक बहुत ही शर्मीला साँप है।  इस साँप की सबसे ज्यादा स्मगलिंग होता है क्योंकि ऐसी गलत धारणा है कि इसके मांस के सेवन से इंसानों की शारीरिक शक्ति में इजाफा होता है और सारी बीमारियाँ ठीक हो जाती है। 

ग्रीन वाइन स्नेक (Green Vine Snake)
ग्रीन वाइन स्नेक (Green Vine Snake) का वैज्ञानिक नाम अहैतुला नासुता (Ahaetulla Nasuta) है।  यह हल्का ज़हरीला (Mildly Venomous) होता है और इंसानों के लिए घातक नहीं होता है। हल्के हरे रंग का यह साँप देखने में बहुत आकर्षक होता है। आमतौर पर यह साँप पेड़ों पर रहता है और बहुत मुश्किल से नज़र आता है। इसका मुख्य आहार छोटे पक्षी और कीट होते है। यह मेरा सबसे पसंदीदा साँप(Snake) है। 

साँपों के बारे में मुख्य भ्रांतियां 
👉 साँप सपेरे के बीन की धुन पर नाचता है - सत्य यह है की साँप के कान नहीं होते और उनको सुनाई नहीं देता। 
👉 साँप आँखों में फोटो खींच लेता है और अपने दुश्मन को याद रखता है -  सच्चाई यह है कि साँप की मस्तिष्क में याद रखने की क्षमता नहीं होता है। 
👉साँप इंसानों के दुश्मन होते है और दौड़ाकर काट लेते है -  असलियत में साँप बहुत शर्मीले प्रवृति के होते हैं और मानव बस्तियों से दूर ही रहना पसद करते है। जंगलों के कम होने के कारण ही यह मानव बस्तिओं की ओर आते हैं। जब इनको खतरा महसूस होता है या हमारा पैर इनके ऊपर पड़ जाता है तभी ये काट लेते हैं। 
👉साँप के रक्त और मांस के सेवन से शारीरिक क्षमता बढ़ती है - यह धारणा चीन में ज्यादा प्रचलित है लेकिन वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं है। 
👉तांत्रिक अपने मंत्रों से साँप को वापस ज़हर चूसने के लिए बुला सकता है - यह धारणा फिल्मों की कहानियों के कारण बनी। अशिक्षा की वजह से तंत्र मंत्र के चक्कर में आकर कारण लोग अपनी जान गवां देते हैं। 
👉साँप के पास मणि होती है - ऐसा कुछ भी नहीं होता। 

सर्पदंश की स्थिति में क्या करें (What to do in case of Snake Bite)
सर्पदंश के शिकार व्यक्ति को सोने और डरने ना दे। तांत्रिकों और ओझा के चक्कर में कभी ना पड़ें। जितनी जल्दी हो सके व्यक्ति को नज़दीकी ज़िला अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाए। साँपों के बारे में मूलभूत जानकारी रखें। 

साँपों और पर्यावरण के प्रति हमारा कर्तव्य (Our Duties to Protect Snakes & Environment)
जैसा की अब हम जानते हैं कि साँप(Snake) मनुष्यों का दुश्मन नहीं बल्कि मित्र है। चूहों, कीड़ों तथा अन्य जीव जंतुओं को खा कर यह उनकी संख्या को नियंत्रित करता है। जिससे हमारी फसलों को कम नुकसान होता है।  हमारा कर्तव्य है कि पर्यावरण के इन मित्रों को संरक्षित करें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधों को लगाकर इनके निवास का प्रबंध करे जिससे मानव जाति से इनका टकराव कम से कम हो।  

जब भी आप अपने आसपास कोई साँप(Snake) देखे तो उसके पास ना जाए। उसकी रक्षा करे और दूसरों को भी प्रेरित करे। अपने शहर के सर्पमित्रों का मोबाइल नंबर हमेशा अपने पास रखे और साँप दिखने पर उनसे संपर्क करे।  सर्पमित्र साँपों को सुरक्षित तरीके से पकड़कर वापस जंगल में छोड़ देते है।  अगर हर व्यक्ति अपने आस पास ऐसा कर पाए तो न सिर्फ इन साँपों की रक्षा होगी बल्कि पर्यावरण के संरक्षण में भी हमारा सहयोग होगा। 
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Blogger Name: Pramod Kumar Kushwaha
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