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नानेमाची झरना मॉनसून ट्रैक (Trekking to Nanemachi Waterfalls in Monsoon)

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महाराष्ट्र के पश्चिम घाट(Western Ghats) के पहाड़ मॉनसून(Monsoon) के समय सुंदरता के चरम पर होते हैं। यूँ तो यहाँ का चप्पा चप्पा बारिश के मौसम में खूबसूरती का अद्भुत नज़ारा पेश करता है लेकिन इनमें भी कुछ जगह बेहद नायाब होते हैं। पश्चिमी घाट(Western Ghats) के सह्याद्रि रेंज(Sahyadri Range) के पहाड़ ऐसे जगहों से भरे पड़े हैं। यह स्थान साहसिक ट्रैकिंग(Adventerous Trekking) करने वाले लोगों के लिए जन्नत से कम नही है। ऐसा ही एक बेहद खूबसूरत स्थान नानेमाची झरने(Nanemachi Waterfall) की ट्रैकिंग है। महाराष्ट्र में रायगढ़(Raigad) जिले के महाड़(Mahad_ तालुका में स्थित नानेमाची झरने(Nanemachi Waterfall) की ट्रैकिंग(Trekking) रोमांच के नए आयाम तक पहुँचाता है। पुणे(Pune) से इसकी दूरी लगभग 70 किलोमीटर तथा मुंबई(Mumbai) से 210 किलोमीटर है।  पुणे से करीब 4 घंटे की कार यात्रा से हम लोग नानेमाची झरना(Nanemachi Waterfall) के शुरुवाती स्थान(Starting Point) पर पहुँचे। वहाँ पहुँचने के बाद पता चला की आगे का रास्ता खराब होने की वजह से बंद है। हमें अपने कार को ट्रैकिंग(Trekking) के प्रारंभिक नीयत स्थान(Starting Point)

देवकुंड झरना मॉनसून ट्रैक(Trekking to Devkund Waterfall in Monsoon)

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देवकुंड झरना(Devkund Waterfall) महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भीरा गाँव(Bhira Village) के पास स्थित है। देवकुंड झरने से ही कुंडलिका नदी(Kundalika River) निकलती है। यहाँ बिजली पैदा करने के लिए एक बाँध भी बनाया गया है जिसे भीरा बाँध(Bhira Dam) के नाम से जानते है। पुणे(Pune) से लगभग 110 किलोमीटर और मुंबई(Mumbai) से करीब 125 किलोमीटर दूर यह जगह बेहद खूबसूरत है। सह्याद्रि की पहाड़ियों(Sahayadri Hills) में स्थित तामहिनी घाट(Tamhini Ghats) के बीच में देवकुंड झरना(Devkund Waterfall) ट्रैकिंग(Trekking) करने वालों के लिए एक बहुत सुंदर स्थान है। भीरा गाँव से देवकुंड झरने(Devkund Waterfall) तक की 4-5 किलोमीटर की ट्रैकिंग 2 से 3 घंटों में पूरी हो जाती है।  पुणे से मॉनसूनी बारिश से सराबोर एक सुबह को अपने दोस्तों के साथ भीरा गाँव(Bhira Village) के लिए हम लोग निकले। यह रास्ता प्राकृतिक नज़ारों से संपन्न है। मुलशी बाँध(Mulshi Dam) से होते हुए तामहिनी घाट(Tamhini Ghats) के पहाड़ों में हमारी कार आगे बढ़ती जा रही थी। बहुत सारे छोटे बड़े झरने सड़क के किनारे बह रहे थे जहाँ लोग अपनी गाड़ी को रोक कर इन नजारों का मज़ा

पालखी : पंढरपुर की धार्मिक यात्रा(Palkhi Yatra to Pandharpur - Hindi Blog)

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पंढरपुर पालखी यात्रा(Pandharpur Palkhi) अथवा पंढरपुर वारी(Pandharpur Wari) एक प्राचीन धार्मिक यात्रा है जो महाराष्ट्र में पुणे के आलंदी(Alandi) और देहू(Dehu) से शुरु होकर सोलापुर जिले के पंढरपुर स्थान तक होता है। पंढरपुर में भीमा नदी(Bhima River) के किनारे भगवान श्रीकृष्ण के एक रुप भगवान विट्ठल(Bhagwan Vitthal) का मंदिर है। भगवान विट्ठल को विठोबा(Vithoba) या पांडुरंग(Pandurang) के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विट्ठल की मूर्ति बहुत आकर्षक है जिसमें भगवान ईंट के ऊपर कमर पर हाथ रखकर खड़े हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विट्ठल की कहानी कुछ यूँ है कि भगवान श्रीकृष्ण के एक बहुत बड़े भक्त थे संत पुंडलिक(Sant Pundalik)। संत पुंडलिक अपने माता पिता के भी परम भक्त थे और हमेशा माता पिता की सेवा में लीन रहते थे। एक बार भगवान श्रीकृष्ण संत पुंडलिक को दर्शन देने उनके घर आये। उस समय संत पुंडलिक अपने माता पिता की सेवा में इतने व्यस्त थे की उनको भगवान के आने का पता ना चला। जब भगवान श्रीकृष्ण ने संत पुंडलिक को पुकारा तब संत पुंडलिक ने एक ईंट भगवान की ओर रखते हुए बोले की भगवान आप इस ईंट पर प्रतीक्षा

लेह : पहाड़ी तलहटी में बसा एक खूबसूरत शहर( Trip to Leh City - Hindi Blog)

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केंद्र शासित प्रदेश(Union Territory of India) लद्दाख(Ladakh) की राजधानी लेह(Leh) पहाड़ों की तलहटी में बसा एक सुन्दर शहर है। यह सिंधु नदी(Indus River) के किनारे स्थित है। कराकोरम पर्वतमाला(Karakoram Range) और हिमालय पर्वतमाला(Himalaya Range) के बीच लेह(Leh) शहर हमेशा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। हम लोग श्रीनगर(Srinagar) से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या - 1(NH - 1) के बेहतरीन रास्तों से होकर लेह(Leh) पहुँचे थे। लेह(Leh) आने का दूसरा लोकप्रिय रास्ता हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) के शहर मनाली(Manali) से शुरु होता है। लेह(Leh) में हवाई अड्डा(Airport) होने की वजह से विमान द्वारा सीधे यहाँ आ सकते है।  लेह(Leh) एक बौद्ध बहुल शहर है जो प्राचीन समय से तिब्बत(Tibbet) और मध्य एशिया(Middle Asia) के क्षेत्रों से व्यापार का प्रमुख केंद्र था। लेह(Leh) शहर और इसके आस पास घूमने के बहुत सारे स्थान है। हम लोग लेह(Leh) में दो दिन रुके थे। यहाँ के सभी दर्शनीय स्थलों को देखना बहुत अच्छा लगा। लेह(Leh) के ऐसे ही कुछ स्थानों के बारे में जानकारी साझा कर रहा हूँ - ➥ थिकसे मठ(Thiksey Monastery) थिकसे मठ(Thiks

पैंगोंग त्सो : लद्दाख के पहाड़ों में नीली झील (Trip to Pangong Tso - Hindi Blog)

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लद्दाख(Ladakh) में घूमने के क्रम में नुब्रा घाटी(Nubra Valley) देखने और रात में रुकने के बाद हम लोगों का अगला पड़ाव विश्वप्रसिद्ध पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) था। त्सो(Tso) लद्दाख(Ladakh) के स्थानीय भाषा में झील(Lake) को कहा जाता है। नुब्रा घाटी(Nubra Valley) से पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) की दूरी लगभग 275 किलोमीटर है। भारत - चीन के मध्य विवाद में इस झील का जिक्र हम सबने सुना था। इसके अलावा बॉलीवुड के अभिनेता आमिर खान की मशहूर फिल्म 3 इडियट्स(3 Idiots) में भी इस झील को दिखाया गया है। हम लोग जब नुब्रा घाटी(Nubra Valley) से पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) के लिए निकले तो पता चला कि श्योक नदी(Shyok River) की ओर से जाने वाला रास्ता अत्याधिक पानी बहने के कारण टूट गया है और इसे बंद दिया गया है। हमारे ड्राइवर फुंचोक आंगचोक(Phunchok Angchok) ने बताया कि परेशान होने की जरूरत नहीं है और हम दूसरे रास्ते से पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) चलेंगे।   पैंगोंग त्सो(Pangong Tso) की तरफ जाने वाला यह नया रास्ता पुराने रास्ते की अपेक्षा 80 किलोमीटर ज्यादा लंबा और बेहद दुर्गम पहाड़ों से होकर गुजरता है। एक स्थान पर रुक कर हम