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गुलमर्ग : फूलों से भरी खूबसूरत वादियाँ (Trip to Gulmarg - Hindi Blog)

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जम्मू कश्मीर(Jammu Kashmir) के बारामूला(Baramulla) जिले में स्थित गुलमर्ग(Gulmarg) एक बेहद खूबसूरत स्थान है। श्रीनगर(Srinagar) से गुलमर्ग(Gulmarg) की दूरी लगभग 51 किलोमीटर है। श्रीनगर से हम लोग कार से गुलमर्ग(Gulmarg) के लिए निकले। पूरा रास्ता अच्छे अच्छे नजारों से भरा पड़ा था। हमारे ड्राइवर बिलाल भट बहुत ही अच्छे और खुशमिज़ाज़ किस्म के इंसान थे। रास्तों में कश्मीर(Kashmir) अच्छी अच्छी जानकारियों से हम लोगों का ज्ञानवर्धन करा रहे थे। गुलमर्ग(Gulmarg) को फूलों के घाटी(Meadows of Flowers) के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर्वतारोहण(Mountaineering), गोल्फ(Golf) तथा स्नो स्कीइंग(Snow Skiing) भी सिखाया जाता है। अक्टूबर से फरवरी तक खूब बर्फ़बारी होती है। गुलमर्ग(Gulmarg) में दुनिया का सबसे ऊँचा गोल्फ कोर्स है। सर्दियों में गुलमर्ग(Gulmarg) में स्नो स्कीइंग(Snow Skiing) करने दुनिया भर से सैलानी यहाँ आते हैं।  श्रीनगर से गुलमर्ग(Gulmarg) आने के क्रम में हम लोग एक बेहद खूबसूरत जगह पर रुके। रोड के किनारे दूर तक हरे भरे घांस के ऊँचे नीचे मैदान बहुत अच्छे लग रहे थे। इन घांस के मैदानों में सुन्दर फूल खि

पावना झील : कैम्पिंग का शानदार अनुभव (Camping Near Pawna Lake - Hindi Blog)

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महाराष्ट्र के पुणे(Pune) जिले के मावल(Maval) तालुका में स्थित पावना झील(Pawna Lake) साहसिक खेलों अथवा कार्यों जैसे कैम्पिंग(Camping) और वाटर स्पोर्ट्स(Water Sports) के शौकीनों की पसंदीदा जगह है। यह एक कृत्रिम झील(Artificial Lake) है जिसका निर्माण पावना बांध(Pawna Dam) की वजह से हुआ है। मुंबई(Mumbai) और पुणे(Pune) के मध्य में स्थित पावना झील(Pawna Lake) की पुणे से दूरी लगभग 60 किलोमीटर और मुंबई से दूरी लगभग 120 किलोमीटर है। यह झील महाराष्ट्र के प्रसिद्ध हिल स्टेशन लोनावला(Lonavala) के भी बहुत पास है। पावना झील(Pawna Lake) के बारे में अनेकों बार हम सुन चुके थे कि यह बहुत ही खूबसूरत जगह है और कैम्पिंग(Camping) की दृष्टि से बहुत जाना माना स्थान है।  इस झील की प्रारंभिक जानकारियों(Initial Information) के बारे में पढ़कर पावना झील(Pawna Lake) किनारे कैम्पिंग(Camping) करने का मन करने लगा था। दिवाली की छुट्टियों ने हमारे पावना झील(Pawna Lake) में कैंप करने के कार्यक्रम को आसान कर दिया। अपने कार्यस्थल के मित्रों और परिवारजनों के साथ हम लोग पुणे से अपने कार से पावना झील(Pawna Lake) के तरफ निकल पड़े

चांदोली : पहाड़ों और जंगलों के मध्य बसा एक सुन्दर कस्बा (Trip to Chandoli : A Beautiful Place Surrounded by Hills & Forest - Hindi Blog)

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पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली(Sangli) जिले के शिराला(Shirala) तालुका में बसा चांदोली(Chandoli) एक बेहद ही सुन्दर और शांत क़स्बा है। पश्चिमी घाट के सुन्दर पहाड़ों और जंगलों के बीच प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर चांदोली यहाँ आने वाले लोगों को सुकून का एहसास दिलाता है। पश्चिमी महाराष्ट्र के इलाके में मानसून के समय मौसम का मिज़ाज़ और प्रकृति के रंग कुछ ज्यादा ही खिल जाते हैं। यह आसपास के पहाड़ों और जंगलों में घूमने का सबसे अच्छा समय होता है। अपने कार्यस्थल के जिले सांगली में होने के कारण ऐसे ही एक सप्ताहांत (Weekend) में हम लोगों का चांदोली(Chandoli) घूमने का कार्यक्रम बनाया। मानसूनी बरसात की एक खूबसूरत सुबह में 8 बजे हम लोग चांदोली के लिए निकले जो सांगली शहर से करीब 95 किलोमीटर दूर स्थित है। कोरोना महामारी के कारण हम लोगों ने खाने पीने का सामान घर से ही पर्याप्त मात्रा में ले लिया था जिससे हम लोग किसी अन्य लोगों के संपर्क में आने से बच सके। सांगली(Sangli) से चांदोली(Chandoli) का रास्ता बहुत अच्छा और हरियाली से भरा हुआ था। वैसे तो पूरा क्षेत्र ही मनमोहक दृश्यों से भरा हुआ है लेकिन अपने अनुभवों के आ

कास पठार : महाराष्ट्र में फूलों की घाटी (Trip to Kaas Plateau : Maharashta's Valley of Flower-Hindi Blog)

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फूलों की घाटी(Valley of Flowers) का नाम आते ही हमारे सामने उत्तराखंड का विचार आता है लेकिन अपेक्षाकृत कम लोगों को ही पता होगा कि एक फूलों की घाटी महाराष्ट्र में भी है। जी हाँ सही पढ़ा आपने। महाराष्ट्र के सातारा जिले (Satara District) में पहाड़ पर स्थित कास पठार(Kaas Plateau or Kaas Pathar) असंख्य सुन्दर फूलों के होने के कारण प्रसिद्ध है।  सातारा शहर से कास पठार की दूरी 25 किलोमीटर है। वर्ष 2012 से ही यह यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व की विरासत स्थलों(UNESCO World Heritage Site) की सूची में दर्ज़ है।  कास पठार लगभग 10 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। सातारा शहर से महाराष्ट्र के पर्यटन विभाग (MTDC) की बसें कास पठार तक पर्यटकों को ले जाती हैं जहाँ से आप पैदल ही पूरे कास पठार(Kaas Plateau) पर घूम सकते हैं। घाटी में घूमने के लिए पतले पतले रास्ते बनाये गए हैं जिससे फूलों को कोई नुकसान ना हों। कास पठार(Kaas Plateau) में करीब 150 प्रजाति के फूल हैं। इसमें बहुत सी किस्में दुर्लभ है।अगस्त और सितंबर महीने में पूरी घाटी पीले, लाल, सफ़ेद, नीले इत्यादि रंग बिरंगे फूलों से भर जाती है।  इन फूलों पर मंडराते

राजमाची दुर्ग मानसून ट्रैकिंग (Trekking to Rajmachi Fort in Monsoon-Hindi Blog)

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राजमाची दुर्ग(Rajmachi Fort) महाराष्ट्र में पुणे और मुंबई के मध्य लोणावला(Lonavla) के पास है।  हम लोग पुणे से लोकल रेल द्वारा सुबह 8 बजे लोनावला के लिए निकले।  पुणे से लोणावला की 65 किलोमीटर की दूरी रेल से करीब 1 घंटे में पूरी होती है। पश्चिमी घाट(Western Ghats) में होने की वजह से पूरा रेलमार्ग बहुत ही खूबसूरत है। लोणावला पहुँच कर हम लोग एक ऑटो रिक्शा में बैठकर उस स्थान पर पहुँचे जहाँ से राजमाची फोर्ट की ट्रैकिंग शुरू होती है।  यह अगस्त का महीना था और मानसून(Monsoon) अपने चरम पर होने के कारण बारिश बहुत तेज़ हो रही थी।   लोणावला से राजमाची किला(Rajmachi Fort) की ट्रैकिंग सुबह 11 बजे शुरू हुआ। हम लोगों को 17 किलोमीटर की ट्रैकिंग करके शाम तक राजमाची किले के आधार गाँव(Base Village)  उदवाडी (Udhewadi)  जिसे राजमाची गाँव(Rajmachi Village) भी कहा जाता है वहाँ पहुँचना था। झमाझम बारिश में हम लोग आगे बढ़ने लगे। रास्ते में कुछ कस्बों को पार करके सुन्दर पहाड़ों वाला क्षेत्र शुरू हो जाता है। पूरे रास्ते में जंगल, झरने, बादलों से घिरे पहाड़ और सुन्दर नज़ारे दिखते हैं। करीब आधा रास्ता पूरा करने के ब

अंधारबन मानसून ट्रैक : अँधेरे जंगलों में रोमांच (Andharban Monsoon Trek - Hindi Blog)

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अंधारबन(Andharban) का शाब्दिक अर्थ है अँधेरा जंगल(Dark Forest)। पुणे से लगभग 57 किलोमीटर और मुंबई से 144 दूर सह्याद्रि की पहाड़ियों(Sahayadri Range) में स्थित तामिनी घाट(Tamhini Ghats) में किया जाने वाला यह ट्रैक प्रकृति का एक बहुमूल्य उपहार है।  यह एक मानसून ट्रैक(Monsoon Trek) है जो अपने घने अंधकारमय जंगलों, ऊँचे पहाड़ों और इन पहाड़ों से गिरते झरनों की कतारों के लिए प्रसिद्ध है।   महाराष्ट्र में आने के बाद मुझे पश्चिमी घाट(Western Ghats) की पहाड़ियों में होने वाले मानसून ट्रैक के बारे में पता चला।  सोशल मीडिया पर भी अपने दोस्तों के द्वारा साझा किये गए फोटो को देखने के बाद इन खूबसूरत पहाड़ों के आँचल में ट्रैक करने का मौका खोज ही रहा था तभी मेरे एक मित्र ने मुझे अंधारबन ट्रैक(Andharban Trek) के बारे में बताया। यह ट्रैक कुछ पेशेवर और अनुभवी युवाओं द्वारा आयोजित किया जा रहा था जिसमे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना था।   मानसून ट्रैक(Monsoon Trek) के बारे में मेरी सलाह यही है कि आप कभी अकेले ट्रैक करने ना जाए बल्कि समूह में अनुभवी लोगों के साथ जाएँ।  यह इसलिए क्योंकि पहाड़ों में भारी बारिश